How is the Science of Solving Mathematics Problems?

How is the Science of Solving Mathematics Problems?

1.गणित समस्याओं के समाधान का विज्ञान कैसे है?(How is the Science of Solving Mathematics Problems?)-

How is the Science of Solving Mathematics Problems?
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कुछ लोग गणित को अंकों का विज्ञान मानते हैं। वे गणित को केवल गणना तक सीमित रखते हैं। गणित से वास्तविक रूप में बहुत सी क्षमताओं का विकास होता है। गणित के द्वारा विद्यार्थी में एक विशेष प्रकार की परिपक्वता का विकास होता है। विशेष प्रकार की परिपक्वता में तर्कशक्ति, बौद्धिक क्षमता और चिंतन-मनन करने की क्षमता का विकास होता है। गणित एक अमूर्त विषय है इसलिए इसके द्वारा विद्यार्थियों में चिंतन व मनन करने की क्षमताओं का विकास होता है। इस प्रकार गणित केवल अंकों का नहीं बल्कि समस्याओं के समाधान का विज्ञान है। गणित की इस विशिष्ट प्रकार की परिपक्वता से हमें जीवन की समस्याओं का समाधान मिलता है अर्थात् यह जीवन की समस्याओं को समझने और हल करने में मदद करता है। शर्त यही है कि गणित का केवल सैद्धान्तिक ज्ञान ही प्राप्त नहीं किया जाए बल्कि गणित से व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त किया जाए तो यह हमें जीवन जीने की कला सीखाता है याकि जीवन जीने की कला सीखते हैं।
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बहुत से लोग या विद्यार्थी गणित के केवल सवाल हल करने को गणित मान लेते हैं। गणित को सवाल हल करने तक सीमित करने तक मानने का अर्थ है कि हमने गणित को ठीक से समझा ही नहीं है। किसी भी विषय को पढ़ते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वह जीवन में आनेवाली परिस्थितियों से सम्बन्धित है या नहीं। विद्यार्थी उन विषयों को सरलता से सीख लेते हैं जो उनके जीवन से सम्बन्धित होते हैं अर्थात् जीवन में आनेवाली समस्याओं का समाधान कर पाते हैं या नहीं। यदि गणित को इस प्रकार से पढ़ाया जाएगा कि वह विद्यार्थी के जीवन से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान नहीं कर पाता तो विद्यार्थी गणित को सीखने में रुचि नहीं लेंगे।
बहुधा ऐसा होता है कि गणित में हम ऐसे प्रश्नों के हल करने पर बल देते हैं जिनका विद्यार्थी के जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं होता है। गणित की शिक्षा इस प्रकार से देना दोषपूर्ण है। विद्यार्थी का सम्यक विकास इस प्रकार की शिक्षा से बिल्कुल सम्भव नहीं और न उसके अन्दर रुचि ही जाग्रत हो सकती है। इन्हीं कारणों से एक अध्यापक के लिए आवश्यक है कि वह जो कुछ भी शिक्षा दे, उसे विद्यार्थी के जीवन से सम्बन्धित करने की चेष्टा करे। अध्यापक को गणित शिक्षण कराते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-
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2.गणित शिक्षण उद्देश्यपूर्ण हो(Mathematics Teaching Should be Purposeful)-

पहली बात तो यह ध्यान रखना चाहिए कि गणित शिक्षण उद्देश्यपूर्ण हो। बिना उद्देश्य के गणित शिक्षण सफल नहीं हो सकता है। गणित के प्रत्येक पाठ का पृथक उद्देश्य होता है। अध्यापक को यह ध्यान में रखकर ही शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। उनके शिक्षण की सफलता इसी बात से आँकी जा सकती है कि जो उद्देश्य लेकर गणित का शिक्षण आरम्भ किया गया उसे वह प्राप्त कर सका या नहीं।
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3.पाठ्यक्रम चुनाव का सिद्धान्त(.Theory of Curriculum Selection)-

दूसरी बात यह ध्यान में रखनी चाहिए कि अध्यापक पाठ्यक्रम का चुनाव इस प्रकार से करे कि गणित शिक्षा(Mathematics Education) के जो उद्देश्य हैं उन्हें प्राप्त करने में सफल हो। अनेक विषयों में से उस विषय को और उन विषयों में से उन प्रकरणों का चुनाव करे जो विद्यार्थी के लिए उपयोगी हो और उसे उद्देश्य प्राप्त करने में सहायता प्रदान करे।

3.विभाजन का सिद्धान्त(The Principle of Division)-

तीसरी बात यह ध्यान में रखनी चाहिए कि पाठ्यक्रम को ऐसे पाठों में बाँटा जाए कि विद्यार्थी सरलता से एक स्तर से दूसरे स्तर पर बढ़ता चला जाए। विद्यार्थी एक पाठ समाप्त करके दूसरे पाठ पर स्वाभाविक रूप से आ जाय, यही पाठ्यक्रम का उत्तम विभाजन माना जाता है।

4.पुनरावृत्ति का सिद्धान्त(The principle of Repetition)-

विद्यार्थी को जब तक पाठ को बार-बार दोहराने का अवसर न दिया जाएगा तो वह पाठ को भूल जाएगा। अतएव अध्यापक का कर्त्तव्य है कि वह पाठ को पढ़ाने के बाद बिल्कुल न छोड़ दे बल्कि अनेक बार पुनरावृत्ति करने का अवसर विद्यार्थी को प्रदान करे।
इन बातों का ध्यान रखा जाए तो गणित विषय जीवन की समस्याओं के समाधान में सहायक होगा और विद्यार्थी गणित को हल करने में रुचि लेंगे। यदि इन बातों की अवहेलना की जाएगी तो गणित विषय जीवन की समस्याओं को समाधान करने में सहायक नहीं होगा। 
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How Students Can Improve Their Skills Through a Mathematics Project

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गणित प्रोजेक्ट के द्वारा कैसे निखार सकते हैं विद्यार्थियों का हुनर(How Students Can Improve Their Skills Through a Mathematics Project) -

How Students Can Improve Their Skills Through a Mathematics Project
How Students Can Improve Their Skills Through a Mathematics Project 
1.गणित माॅडल प्रतियोगिता(Math model competition) - 
विद्यार्थियों में रचनात्मकता की प्रवृत्ति होती है। इस रचनात्मकता का उपयोग गणित के माॅडल बनाने में किया जा सकता है। कक्षा के विद्यार्थियों को गणित विषय से जुड़े प्रोजेक्ट को लेकर प्रतियोगिता आयोजित की जानी चाहिए। विद्यार्थी प्रतियोगिता में गणित से सम्बन्धित माॅडल बनाकर प्रदर्शित कर सकेंगे। इससे विद्यार्थियों में गणित के प्रति रुचि बढ़ेगी। उनके हुनर को निखारने में मदद मिलेगी। प्रतियोगिता में गणित के प्रमेय, समीकरण, सूत्र, सिद्धान्त आदि से जुड़े माॅडल बनाकर प्रस्तुत करवाएं जाएं। जिन विद्यार्थियों का माॅडल अच्छा हो, उनका चुनाव करके सम्मानित किया जाना चाहिए तथा अच्छे माॅडल के लिए उनकी प्रशंसा करनी चाहिए। इससे विद्यार्थियों की गणित में रुचि बढ़ने के साथ-साथ उनको प्रेरणा भी मिलेगी।
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2. विद्यार्थियों के अन्दर के वैज्ञानिक का उद्घाटन(Inauguration of scientist inside students) - 

माॅडल प्रतियोगिता से विद्यार्थियों में कुछ अलग हटकर तथा नया करने की प्रेरणा मिलेगी। विद्यार्थियों के अन्दर जो गणितीय प्रतिभा है, उसको निखारने के लिए माॅडल प्रतियोगिता एक अच्छा टूल साबित हो सकता है। विद्यार्थियों के अन्दर के वैज्ञानिक का विकास होता है। कुछ नवीन अनुसंधान करने की जिज्ञासा पैदा होती है। भिन्न-भिन्न विद्यार्थियों के माॅडल को देखकर वे एक-दूसरे से सीखते हैं तथा एक-दूसरे से श्रेष्ठ माॅडल बनाने की प्रेरणा मिलती है।
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3.याददाश्त स्थायी रहती है(Memory lasts) - 

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विद्यार्थी माॅडल में गणित के जिन प्रत्ययों का प्रयोग करता है तो वे प्रत्यय विद्यार्थियों को जीवन भर माॅडल के द्वारा याद रहते हैं। जिन सिद्धान्तों, समीकरणों तथा सवालों के माॅडल तैयार किए गए हैं उनको रटने की जरुरत नहीं होती है। इस प्रकार का आयोजन विद्यार्थियों के हित में परिणाम देता है। विद्यार्थियों की याददाश्त स्थायी हो जाती है। जबकि विद्यार्थी रटकर याद करते हैं तो कुछ समय बाद वे भूल जाते हैं। परन्तु रचनात्मकता तथा माॅडल के द्वारा सवालों को रटना नहीं पड़ता है और सवाल जीवन भर याद रहते हैं।

4.वर्तमान गणित के शिक्षण की स्थिति(Current math teaching status) - 

सभी विद्यार्थियों को एक ही विधि से कक्षा में पढ़ाया जाता है जबकि प्रत्येक विद्यार्थी की मानसिक स्थिति, योग्यता भिन्न-भिन्न होती है। शिक्षक प्रत्येक विद्यार्थी पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान नहीं दे पाता है। इसलिए इस प्रकार की शिक्षा बाल केन्द्रित न होकर ज्ञान केन्द्रित होती है। माॅडल प्रतियोगिता के द्वारा विद्यार्थियों के व्यक्तिगत हुनर का विकास किया जा सकता है। विद्यार्थी अपनी योग्यता व क्षमता के अनुसार गणित के माॅडल तैयार करते हैं। उनमें सुधार के लिए निर्देश दिए जा सकते हैं। इसलिए शिक्षा संस्थानों में माॅडल प्रतियोगिता को बढ़ावा देना चाहिए जिससे उनकी व्यक्तिगत प्रतिभा को निखारा जा सके। गणितीय प्रतिभा को निखारने का यह एक अच्छा माध्यम हो सकता है।
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5.निष्कर्ष (Conclusion) -

विद्यार्थियों को गणित से डर लगता है इसका सबसे बड़ा प्रमाण, CBSE बोर्ड द्वारा सैकण्डरी में गणित के दो पेपर करने पर विद्यार्थियों द्वारा दोनों पेपर में से एक पेपर के चयन करने पर मिला। गणित के दो पेपर हैं-बेसिक मैथ और स्टैंडर्ड मैथ। विद्यार्थियों को इनमें से किसी भी एक पेपर का चुनाव करना था। बेसिक मैथ के पेपर का डिफीकल्टी लेवल, स्टैंडर्ड मैथ के पेपर से सरल था। बेसिक मैथ का पेपर देने वाले विद्यार्थी आगे अध्ययन जारी रखने के लिए ऐच्छिक गणित का चुनाव नहीं कर सकते हैं तथा स्टैंडर्ड मैथ का पेपर देने वाले विद्यार्थी ही आगे गणित का चयन कर सकते हैं। बेसिक मैथ लेने वाले विद्यार्थी यदि आगे गणित विषय का चुनाव करना चाहे तो उन्हें कम्पार्टमेंट के साथ स्टैंडर्ड मैथ का पेपर देना होगा। इसी प्रकार स्टैंडर्ड मैथ लेकर परीक्षा देने वाले विद्यार्थी यदि असफल हो जाते हैं तो कम्पार्टमेंट के साथ बेसिक मैथ का पेपर दे सकते हैं। ऐसी वैकल्पिक व्यवस्था करने के बावजूद रिजल्ट खराब होने के डर से लगभग 70% विद्यार्थियों ने बेसिक मैथ का चयन किया है। यह स्थिति शिक्षकों, विद्यार्थियों और हमारे लिए अच्छी नहीं है। इसलिए गणित के भय को दूर करने तथा उसे सरल करने के लिए माॅडल प्रतियोगिता जैसे रचनात्मक आयोजन किए जाएं तथा विद्यार्थियों की मानसिकता को परिवर्तित किया जाए जिससे विद्यार्थियों में गणित के भय को दूर किया जा सके और गणित रुचि जाग्रत की जा सके। 
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Job for the Post Postdoctoral Fellow, Mathematical Sciences

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1.पोस्टडॉक्टरल फेलो, गणितीय विज्ञान पद के लिए नौकरी (Job for the Post Postdoctoral Fellow, Mathematical Sciences)-

संयुक्त अरब अमीरात में PostDoctoral Fellow के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है। उक्त पोस्ट के लिए PhD, मैथमेटिक्स साइंस में होने के साथ उसे लिखित व मौखिक अंग्रेजी का ज्ञान होना चाहिए। गणित तथा साइंस से कोई भी कोर्सेज करने का फायदा यह होता है कि गणित की विषयवस्तु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों में एक जैसी है। गणित को अंग्रेजी माध्यम से भी किसी भी देश का व्यक्ति पढ़ सकता है। इसका कारण यह है कि इसमें थ्योरीटिकल के बजाय प्रेक्टिकल कार्य अधिक किया जाता है। दूसरा कारण यह है कि गणित में बहुत उच्च स्तरीय अंग्रेजी भाषा की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि गणित के लिए सामान्य पारिभाषित शब्दों का प्रयोग किया जाता है जिस पर थोड़ी सी मेहनत से ही अच्छी पकड़ बना सकते हैं। यही विशेषता इसे अन्य विषयों से अलग तथा विशिष्ट रुप प्रदान करती है। यदि कोई अभ्यर्थी विदेश में तथा विदेश में भी अरब देशों में सेवा करने का इच्छुक है तो यह पद उनके लिए उपयुक्त है। सेवा से सम्बन्धित पूरी जाँच पड़ताल करने के बाद ही इसमें फाॅर्म भरे, सम्पूर्ण जाँच पड़ताल आपको अपने स्तर पर करनी है। कई बार फ्राॅड भी हो जाता है। इसलिए फ्राॅड से बचने के लिए सतर्क, चौकस और सजग रहें। पूर्णरूप से तहकीकात करने के बाद ही जाने की सोचें। कई बार ऐसा होता है कि आकाश से गिरे और खजूर में आकर अटके। इसलिए वेतनमान और विदेश के ग्लैमर को देखकर आकर्षित न हो जाएं। हमने अपने स्तर पर इसकी कोई जाँच पड़ताल नहीं की है इसलिए पूर्णरूप से अपने स्तर पर ही जाँच पड़ताल करें, किसी भी प्रकार के कोई फ्राॅड के लिए हम किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं है।
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2.Trending: Funny Jokes:Love Maths

'प्यार एकम प्यार': लीजिए मार्केट में लांच हो गया प्यार का पहाड़ा, करें शेयर / 'प्यार एकम प्यार': लीजिए मार्केट में लांच हो गया प्यार का पहाड़ा, करें शेयर
कहते हैं प्यार के बिना जीवन अधूरा है! प्यार में पागलपन का दौर सदियों से चला आ रहा है।
Dainikbhaskar.Com
Feb 13, 2018
कहते हैं प्यार के बिना जीवन अधूरा है! प्यार में पागलपन का दौर सदियों से चला आ रहा है। रोमियो-जूलियट, हीर-रांझा आदि ने प्यार की एक मिसाल पेश की। यह और बात है कि दुनिया प्यार से रहने पर जोर देती है। प्यार बांटने का ज्ञान देती है और प्यार करने का प्रवचन देती है, लेकिन जब आंखों के सामने कोई प्रेमी युगल नजर आता है, तो वो खटकने लगता है। खैर, यह तो हुई और बात, आप प्यार का पहाड़ा पढ़िए और मजे लीजिए।
Job for the Post Postdoctoral Fellow, Mathematical Sciences,Trending: Funny Jokes:Love Maths
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3.Postdoctoral Fellow, Mathematical Sciences

Job Description
Duties of the Post doc RA is to conduct research in the area of metric graph theory & chemical graph theory. The aim of the project is to give further insights on various mathematical properties of selected topological indices and continuing research trends in this direction. We will be working on metric dimension, partition dimension, fault tolerant metric dimension to name a few as well as the on the extremal structure of graphs with respect to distance-based topological indices like Weiner index, Weiner dimension, Mostar index, adjacent-eccentric distance sum index, eccentric-adjacency index. Another purpose of the project is to explore the spectral properties of distance-based matrices and to develop an efficient computational technique for degree-distance-based topological indices and counting-based topological indices.
Minimum Qualification
Master degree in Mathematics with specialization in Graph Theory.
Preferred Qualification
Ph.D. in Mathematics with specialization in Graph Theory
Expected Skills/Rank/Experience
Candidate is expected to have solid background in Graph Theory and its application. He/she must be capable to develop corresponding programing in Matlab/Maple and must be familiar with other software like GAP, newGraph and HyperChem. Proficiency in English is required (written and oral).
Special Instructions to Applicant
Candidate is required to submit a detailed CV, statement of research skills and one Recommendation Letter.
Division College of Science - (COS)
Department Mathematical Sciences - (COS)
Job Close Date 31-12-2019
Job Category Academic - Post-Doctoral
Salary 8000-9000 AED Per Month
Post Postdoctoral Fellow, Mathematical Sciences का हिन्दी अनुवाद 

4.पोस्टडॉक्टरल फेलो, गणितीय विज्ञान(Post Postdoctoral Fellow, Mathematical Sciences)

नौकरी का विवरण
पोस्ट डॉक्टर आरए के कर्तव्यों को मीट्रिक ग्राफ सिद्धांत और रासायनिक ग्राफ सिद्धांत के क्षेत्र में अनुसंधान करना है। परियोजना का उद्देश्य चयनित टोपोलॉजिकल सूचकांकों के विभिन्न गणितीय गुणों और इस दिशा में निरंतर अनुसंधान रुझानों पर और अधिक जानकारी देना है। हम मीट्रिक सूचकांक, विभाजन आयाम, दोष सहिष्णु मीट्रिक आयाम पर काम कर रहे हैं, कुछ नाम के साथ-साथ ग्राफ्स की चरम संरचना पर, जैसे वेनेर इंडेक्स, वेनेर आयाम, मोस्टर इंडेक्स, आसन्न-विलक्षण दूरी योग सूचकांक, सनकी-आसन्न सूचकांक। परियोजना का एक अन्य उद्देश्य दूरी-आधारित मेट्रिसेस के वर्णक्रमीय गुणों का पता लगाना और डिग्री-दूरी-आधारित सामयिक सूचकांकों और गिनती-आधारित सामयिक सूचकांकों के लिए एक कुशल कम्प्यूटेशनल तकनीक विकसित करना है।
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न्यूनतम योग्यता
ग्राफ थ्योरी में विशेषज्ञता के साथ गणित में मास्टर डिग्री।
पसंदीदा योग्यता
पीएच.डी. गणित में ग्राफि थ्योरी में विशेषज्ञता के साथ
अपेक्षित कौशल / रैंक / अनुभव
उम्मीद है कि ग्राफ थ्योरी और उसके आवेदन में उम्मीदवार की ठोस पृष्ठभूमि होगी। वह मतलब / मेपल में संगत प्रोग्रामिंग विकसित करने में सक्षम होना चाहिए और अन्य सॉफ्टवेयर जैसे GAP, newGraph और HyperChem से परिचित होना चाहिए। अंग्रेजी में प्रवीणता आवश्यक है (लिखित और मौखिक)।
आवेदक को विशेष निर्देश
उम्मीदवार को एक विस्तृत सीवी, अनुसंधान कौशल का विवरण और एक सिफारिश पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है।
डिवीजन कॉलेज ऑफ साइंस - (COS)
विभागीय गणितीय विज्ञान - (COS)
जॉब क्लोज डेट 31-12-2019
नौकरी श्रेणी शैक्षणिक - पोस्ट-डॉक्टरल
वेतन 8000-9000 AED प्रति माह
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What is Fear of Mathematics and how to Remove it?

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1.गणित का डर क्या है और इसे कैसे दूर किया जाए?(What is Fear of Mathematics and how to Remove it?)-

What is Fear of Mathematics and how to Remove it?
What is Fear of Mathematics and how to Remove it?
आज का युग विज्ञान तथा तकनीकी युग है अतः जीवन तथा शिक्षा में तेज गति से बदलाव हो रहे हैं। इस गति के साथ चलने तथा गतिशीलता को बनाए रखने के लिए विद्यार्थियों में गणित फोबिया को दूर करने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई है। गणित फोबिया को दूर करने के लिए विद्यार्थियों की मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। इसके लिए शिक्षकों, शिक्षा संस्थानों तथा अभिभावकों को मिलकर प्रयास करना चाहिए। गणित फोबिया को दूर करने के लिए इस प्रकार की कार्यशालाएं आयोजित करने के साथ-साथ सोशल मीडिया एक अच्छा प्लेटफार्म साबित हो सकता है। हम सोशल मीडिया को मनोरंजन, विश्व में घटित होनेवाली ताजा घटनाओं की जानकारी तथा अपने विचारों को प्रकट व साझा करने के लिए करते हैं। आज अधिकांश युवावर्ग इन्टरनेट व सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग करता है तथा अपना अधिकांश समय सोशल मीडिया पर व्यतीत करता है। इसलिए गणित फोबिया को दूर करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया जाए तो ज्यादा बेहतर परिणाम देखने को मिल सकता है। कार्यशाला से एक सीमित तथा निश्चित शिक्षा संस्थान को ही लाभ मिल सकता है। परन्तु सोशल मीडिया का दायरा अधिक विस्तृत तथा हर युवाओं से जुड़ा हुआ है। इसके लिए स्वयंसेवी संगठनों, गणित शिक्षकों, सरकार तथा प्रबुद्धजनों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करके गणित में आनेवाली कठिनाइयों को दूर करके गणित फोबिया को दूर करना होगा। इनमें सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण गणित शिक्षक की भूमिका होती है। इसलिए विद्यार्थियों की मानसिकता को परिवर्तित करने के साथ-साथ गणित शिक्षकों को गणित विषय को इस कौशल विधा के साथ पढ़ाया जाना चाहिए जिससे विद्यार्थी गणित विषय से दूर भागने के बजाय आनन्द महसूस करने लगे। गणित को खेल-खेल, पहेलियों (पजल) तथा मनोरंजक ढंग से पढ़ाया जाना चाहिए जिससे बालक-बालिकाओं को गणित विषय कठिन नहीं बल्कि आसान विषय लगने लगेगा। गणित फोबिया को दूर करने की इसलिए भी आवश्यकता है कि गणित का हमारे जीवन व जाॅब से गहरा सम्बन्ध होता है। इसलिए गणित को न तो छोड़ सकते हैं और न ही उससे दूर हो सकते हैं तथा इसका यह समाधान भी नहीं है।
What is Fear of Mathematics and how to Remove it?
What is Fear of Mathematics and how to Remove it?
गणित विषय से हमारे अन्दर एक विशेष प्रकार की परिपक्वता, मानसिक शक्ति, तर्क तथा चिन्तन करने की शक्ति का विकास होता है। इसलिए आज हर काॅम्पीटिशन में गणित विषय का टेस्ट अनिवार्य रूप से लिया जाता है। सैकण्डरी, हायर सैकण्डरी स्तर के विद्यार्थी यह सोचते हैं कि यदि गणित विषय को छोड़ देने से हमारा इससे पीछा छूट जाएगा। गणित विषय हमारे जीवन व जाॅब से कितना जुड़ा हुआ है और इसका कितना महत्त्व है इस बारे में हम कई आर्टिकल्स लिख चुके हैं। यदि आपको इसके को ओर अधिक जानना है तो आपको वे आर्टिकल्स पढ़ने चाहिए।
हम व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर यह सकते हैं कि गणित विषय का बार-बार अभ्यास करें और गणित के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें तो गणित विषय कठिन नहीं बल्कि सरल लगने लगेगा। गणित विषय को हल करने में आनन्द का अनुभव होगा। गणित विषय कठिन लगने का सबसे बड़ा कारण यह है कि हम प्रारम्भिक कक्षाओं में गणित का ठीक से अभ्यास नहीं करते हैं। जो अभ्यासमाला हमें कठिन लगती है उसे हल करने के बजाय छोड़ देते हैं। चूँकि बालक-बालिकाएं बाल्यावस्था में रहते हैं तो इतनी समझ नहीं रहती है कि इसका आगे जाकर क्या दुष्परिणाम होगा? जो समझदार हैं अर्थात् शिक्षक, माता-पिता तथा प्रबुद्ध व्यक्ति किन्हीं कारणों से ध्यान नहीं देते हैं। अधिकतर शिक्षक गणित को व्यावसायिक दृष्टिकोण से पढ़ाते हैं। वे परीक्षा केन्द्रित दृष्टिकोण रखकर selected अभ्यास हल करवाते हैं। माता-पिता इसलिए ध्यान नहीं देते हैं कि वे अपनी जिम्मेदारी यहीं तक समझते हैं कि अच्छे शिक्षा संस्थान में दाखिला दिलवा देते हैं। दूसरा कारण है कि माता-पिता धन कमाने में व्यस्त रहते हैं। यदि बालक-बालिकाओं के भविष्य को उज्ज्वल और श्रेष्ठ बनाना है बालक-बालिकाओं की शिक्षा पर प्रारम्भिक कक्षा से ही ध्यान दिया जाना चाहिए। बालक-बालिकाओं को परीक्षा केन्द्रित अध्ययन न करवाकर व्यापक व गहराई से अध्ययन कराने पर फोकस करना चाहिए। यदि हम सजग, चौकस व सतर्क रहे तो कोई कारण नहीं है कि बालकों को गणित से डर लगेगा। गणित विषय को रुचिपूर्वक व जिज्ञासा के साथ हल करें तो हमें आनन्द की अनुभूति होगी।
यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए ।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। 

2.जम्मू संस्कृती स्कूल, जम्मू "गणित के भय को कैसे दूर करे" विषय पर एक कार्यशाला आयोजित करता है(Jammu Sanskriti School, Jammu conducts a workshop on "How to overcome the fear of mathematics")-

अंतिम अपडेट: 25 नवंबर, 2019
जिस युग में जीवन तेज गति से बदल रहा है, शिक्षा प्रणाली में बदलाव तेज गति से हो रहा है। उसी गति को बनाए रखने के लिए, आज हम जम्मू संस्कृत विद्यालय, जम्मू में "गणित के भय को कैसे दूर करें" विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की। उसी के लिए संसाधन व्यक्ति सुधीर सिंघल डायनामिक माइंड्स ग्रुप के संस्थापक, एक प्रेरक वक्ता और एक काउंसलर थे, जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ पंजीकृत हैं। कार्यशाला में Jk Police Public School, Miran Sahib, Presentation Convent, Humanity Public School, Doon International, STMP Hr के शिक्षकों ने भाग लिया। सेक। स्कूल और जम्मू संस्कृती स्कूल, जम्मू।
यह पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह और पौधारोपण की प्रस्तुति के साथ शुरू हुआ। इस संसाधन के कारण गणित में उत्कृष्टता प्राप्त करने की तकनीकों के बारे में चर्चा करके कार्यशाला की शुरुआत की। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे बच्चों को टेबल लर्निंग तकनीक, कोडिंग और डिकोडिंग तकनीक और अन्य खेलों का उपयोग करके गुणा तालिका के बारे में अच्छी तरह से समझा जा सकता है जो बच्चों के दिमाग से गणित के फोबिया को मिटा सकते हैं और बच्चों के लिए विषय को आकर्षक बना सकते हैं।
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कार्यशाला में स्कूल की प्रिंसिपल कम वाइस-चेयरपर्सन सुश्री रोहिणी आइमा के शब्दों के साथ यह बताया गया कि कार्यशालाएँ एक ऐसे मंच के रूप में काम करती हैं, जो हितधारकों को नवीनतम नवाचार और रुझानों से अवगत होने के अवसर प्रदान करता है और उपलब्ध कराने का तरीका बताता है। उन्हें। उन्होंने गणित के बारे में संकाय को समृद्ध करने के लिए सुधीर सिंघल का आभार व्यक्त किया, जो आमतौर पर बच्चों के लिए भय का कारक है और यह कैसे हो सकता है

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What are Bank Job Options || What is Tips for Bank Job Preparation

What are Bank Job Options || What is Tips for  Bank Job Preparation

1.बैंक जाॅब के आप्शन और बैंक की तैयारी के टिप्स(Bank Job Options and Bank Preparation Tips)-

What are Bank Job Options || What is Tips for  Bank Job Preparation
What are Bank Job Options || What is Tips for  Bank Job Preparation
12th पास करनेवालों के लिए बैंक में नौकरी करनेवालो के पास ज्यादा आप्शन नहीं होते हैं। यदि गणित के विद्यार्थी बैंक में नौकरी करना चाहते हैं तो उनके लिए बैंक पी. ओ., एकाउंटेंट, क्लर्क इत्यादि में जाने के लिए गणित पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। रीजनिंग तथा मेन्टल एबिलिटी भी गणित के ऊपर आधारित है। इसलिए गणित में ग्रेजुएशन करनेवाले बैंक में आसानी से नौकरी पा सकते हैं। गणित के साथ अंग्रेज़ी, बैंकिंग और फाइनेंस का अध्ययन गणित के विद्यार्थी के अभ्यर्थी को अतिरिक्त रुप से तैयार करना होता है। बैंकिंग सेक्टर एक ऐसा सेक्टर है जहाँ पर उच्च वेतनमान के साथ-साथ यदि आप अपने हुनर का ठीक से प्रयोग करते हैं, Customer को सन्तुष्ट करते हैं तथा उसका ख्याल रखते हैं तो आपको भरपूर मान-सम्मान भी मिलेगा। यदि आप बैंक में मन व लगन के साथ कार्य नहीं करेंगे तो यह सर्विस आपके लिए नहीं है क्योंकि बैंक में हर कर्मचारी के पास अत्यधिक कार्यभार होता है। इसल जो कर्मचारी दिल से कार्य करता है तथा ग्राहकों के काम को निपटाने व सहयोग करने में रुचि लेता है तो उसके लिए बैंक की सर्विस अच्छी साबित हो सकती है।
आज हर युवा दसवीं के बाद यह सोचता है कि उसे कौनसा विषय ऐच्छिक विषय के रूप में लेना चाहिए। इसकानिनिर्णय लेने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उसे अपनी रुचि, शिक्षकों तथा माता-पिता के सुझाव के अनुसार ऐच्छिक विषय का चुनाव करना चाहिए। यदि दसवीं के बाद ऐसा निर्णय नहीं लिया है तो ग्रेजुएशन के बाद अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार निर्णय लेकर उस जाॅब का चुनाव कर सकते हैं परन्तु ज्यादा उचित यही है कि दसवीं के बाद ही चुनाव कर लिया जाए ताकि अपने कोर्स के अध्ययन के पश्चात् जो समय बचे उसको अपने इच्छित competition से सम्बन्धित विषय की तैयारी में लगाया जा सके। यदि आपने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है तो ग्रेजुएशन के पश्चात् बैंक की तैयारी कर सकते हैं भले ही ग्रेजुएशन में आपने किसी भी ऐच्छिक विषय से किया हो। परन्तु बैंक की तैयारी के लिए गणित विषय के विद्यार्थी फायदे में रहते हैं क्योंकि न्यूमेरिकल एप्टीट्यूड, रीजनिंग, मेन्टल एबिलिटी की तैयारी गणित के अभ्यर्थी आसानी से कर सकते हैं। जनरल नाॅलेज, बैंकिंग तथा अंग्रेजी के लिए अतिरिक्त तैयारी करनी होती है जिनकी तैयारी करना गणित के अभ्यर्थी के लिए इतना कठिन नहीं है। परन्तु जिनके गणित विषय ऐच्छिक विषय के रूप में नहीं रहा है उनके लिए न्यूमेरिकल एप्टीट्यूड, रीजनिंग और मेन्टल एबिलिटी की तैयारी करना मुश्किल है, उन अभ्यर्थियों की बात अलग है जो प्रतिभाशाली हैं परन्तु सामान्य अभ्यर्थी के लिए तैयारी करना मुश्किल है और सामान्य अभ्यर्थी ही अधिक संख्या में भाग लेते हैं जबकि प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों की संख्या बहुत कम होती है। गणित के अभ्यर्थियों को चाहिए कि उनको अपनी ग्रेजुएशन की शिक्षा के साथ ही अंग्रेजी व सामान्य अध्ययन की तैयारी करते रहे तो उनके लिए कोई भी competition कठिन नहीं होगा।
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2.Bank Jobs After 12th: 12वीं के बाद बैंक में आपके लिए हैं ये सुनहरे अवसर(Bank Jobs After 12th: These opportunities are available for you in the bank after 12th)-

What are Bank Job Options || What is Tips for  Bank Job Preparation
What are Bank Job Options || What is Tips for  Bank Job Preparation
Bank Jobs and Examination after 12th: आप बीबीए, बॉकम में ग्रैजुएशन कर सकते हैं। ग्रैजुएशन में बैंकिंग और फाइनैंस को खास विषय के तौर पर रखना होगा। अगर ये विषय उपलब्ध नहीं हो तो नॉर्मल ग्रैजुएशन भी कर सकते हैं। इससे आपको बैंक की जॉब पाने में आसानी होगी।
Updated: 29 Nov 2018
Bank Jobs and Exams after 12th: 12वीं के तुरंत बाद आप बैंक में नौकरी के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं में नहीं बैठ सकते हैं। बैंक में जॉब के लिए कम से कम योग्यता गैजुएशन होती है। वैसे चपरासी, हाउसकीपिंग और कुछ क्लरेकिल पद होते हैं जिनके लिए शैक्षिक योग्यता 12वीं पास होती है। क्लेरिकल काडर की जॉब के लिए कंप्यूटर का ज्ञान अनिवार्य होता है। क्लेरिकल पद के जॉब के लिए आवेदन करने के लिए आपके पास कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। बैंकिंग सेक्टर में 12वीं पास लोगों के लिए डेटा एंट्री की जॉब भी होती है।
12वीं के बाद आप बीबीए, बॉकम में ग्रैजुएशन कर सकते हैं। ग्रैजुएशन में बैंकिंग और फाइनैंस को खास विषय के तौर पर रखना होगा। अगर ये विषय उपलब्ध नहीं हो तो नॉर्मल ग्रैजुएशन भी कर सकते हैं। इससे आपको बैंक की जॉब पाने में आसानी होगी।
आर्ट्स/साइंस/कॉमर्स में ग्रैजुएशन करने के बाद आप बैंकिंग में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा कर सकते हैं या एमबीए फाइनैंस ऐंड बैंकिंग या फिर देश के प्रतिष्ठित बिजनस स्कूल से एमबीए बैंकिंग कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ प्रफेशनल कोर्स जैसे सीएम, सीएम, सीएस, एलएलबी करके भी आप बैंक की जॉब कर सकते हैं।
ग्रैजुएशन के बाद सरकारी बैंकों में नौकरी के लिए आपको आईबीपीएस एग्जाम क्लियर करना होगा। आईबीपीएस विभिन्न बैंकों में भर्ती के लिए पीओ, एसओ आदि के पदों के लिए परीक्षा का आयोजन करता है। इसके अलावा एसबीआई और आरआरबी भी विभिन्न पदों के लिए परीक्षा का आयोजन करते हैं।
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3.ग्रैजुएशन के बाद सरकारी बैंकों में भर्ती के लिए आयोजित होने वाले कुछ एग्जाम इस तरह से हैं(Some of the exams conducted for recruitment in public sector banks after graduation)-...

1. आरबीआई ग्रेड ए और ग्रेड बी एग्जाम
2. नैशनल बैंक फॉर ऐग्रिकल्चर ऐंड रूरल डिवेलपमेंट (नाबार्ड) एग्जाम
3. आईबीपीएस क्लर्क एग्जाम
4. आईबीपीएस पीओ/मैनेजमेंट ट्रेनी एग्जाम
5. एसबीआई पीओ एग्जाम
6. आईबीपीएस आरआरबी एग्जाम
7. आईबीपीएस एसओ/आईटी ऑफिसर एग्जाम


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3.IBPS Clerk Prelims Admit Card 2019 Examination Information Issue Admit Card

IBPS Clerk Prelims Admit Card 2019 ibps.in पर जारी, इस लिंक पर जाकर करें डाउनलोड
Publish Date: Tue, 26 Nov 2019 
IBPS Clerk Prelims Admit Card 2019 ibps.in पर जारी, इस लिंक पर जाकर करें डाउनलोड
IBPS Clerk Prelims Admit Card 2019 जारी कर दिया गया है। प्रिलिम्‍स परीक्षा दिसंबर में होनी है। इस परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले अभ्‍यर्थी नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन कर अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
कानपुर। IBPS Clerk Prelims Admit Card 2019 को इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंकिंग पर्सनेल सेलेक्शन ने आज 26 नवंबर 2019 को जारी कर दिया है। जिन उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के लिए उपस्थित होना है, वे आईबीपीएस की आधिकारिक साइट ibps.in पर जाकर एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। प्रारंभिक परीक्षा 7, 8, 14 और 21 दिसंबर, 2019 को आयोजित की जाएगी।
ऑनलाइन होगी परीक्षा
परीक्षा ऑनलाइन और अंग्रेजी भाषा में आयोजित की जाएगी, न्यूमेरिकल एबिलिटी और रीजनिंग एबिलिटी परीक्षा में शामिल विषय हैं। प्रश्नों की संख्या 100 है और अधिकतम अंक 100 हैं। परीक्षा की अवधि 60 मिनट है। आईबीपीएस द्वारा तय किए गए कट-ऑफ अंक हासिल करके उम्मीदवारों को तीनों टेस्ट में से प्रत्येक में सफल होना है।
ऐसे करें एडमिट कार्ड डाउनलोड
- IBPS Clerk Prelims Admit Card 2019 डाउनलोड करने के लिए, नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करें।
- आईबीपीएस की आधिकारिक साइट ibps.in पर जाएं।
- होम पेज पर IBPS क्लर्क प्रीलिम्स एडमिट कार्ड 2019 लिंक पर क्लिक करें।
- एक नया पेज खुलेगा जहां उम्मीदवारों को लॉगिन क्रेडेंशियल दर्ज करना होगा।
- लॉगिन पर क्लिक करें और आपका एडमिट कार्ड स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा।
- एडमिट कार्ड चेक करें और डाउनलोड करें।
- आगे के लिए उसका प्रिंट आउट लेकर रख लें।
एडमिट कार्ड 26 नवंबर से 8 दिसंबर, 2019 तक उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध होगा। वे उम्मीदवार जो प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे, उन्हें मुख्य परीक्षा के लिए उपस्थित होना होगा। IBPS क्लर्क 2019- 20 देश भर के विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 12075 लिपिक पदों को भरेगा। अधिक संबंधित विवरणों के लिए, उम्मीदवार आईबीपीएस की आधिकारिक साइट पर जा सकते हैं।

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RRB NTPC Book 2019: These Books are Best for This Examination

RRB NTPC Book 2019: These Books are Best for This Exam, the Price is Less Than 400 Rupees

1.RRB NTPC Book 2019: इस एग्जाम के लिए बेस्ट हैं ये बुक्स, कीमत 400 रुपए से कम है का परिचय (Introduction to RRB NTPC Book 2019: These Books are Best for This Exam, the Price is Less Than 400 Rupees.)-

RRB NTPC Book 2019: These Books are Best for This Examination
RRB NTPC Book 2019: These Books are Best for This Examination
इस आर्टिकल में RRB NTPC के लिए पुस्तकें Suggest की गई हैं। NTPC का अर्थ है Non-Technical Recruitment Categories तथा RRB का अर्थ है Recruitment for Railway Board अर्थात् रेलवे में गैरतकनीशियन पदों की भर्ती के लिए यह परीक्षा आयोजित की जाती है। इसमें गणित, सामान्य ज्ञान तथा रीजनिंग (तर्कशक्ति) से सम्बन्धित प्रश्न दिए जाते हैं। उक्त प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी हेतु बाजार में वैसे तो ढ़ेरों पुस्तकें उपलब्ध हैं। परन्तु बहुत सी पुस्तकों में व्याकरण, मुद्रण व विषयवस्तु सम्बन्धी त्रुटियाँ पाई जाती हैं। यदि इस प्रकार की पुस्तकों के आधार  पर तैयारी की जाए तो हमारी तैयारी त्रुटि रहित नहीं होगी। इसलिए बाजार से स्तरीय पुस्तकें खरीदनी चाहिए जिनमें त्रुटियों का प्रतिशत नगण्य या बहुत कम हो। स्तरीय पुस्तकें भी ज्यादा नहीं खरीदनी चाहिए क्योंकि इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। पुस्तकों से तैयारी करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि पुस्तकों से हमें मार्गदर्शन तथा दिशा ही मिलती है। यदि हम यह सोचकर तैयारी करते हो कि इन पुस्तकों से ही प्रश्न आ जाएंगे तो यह हमारी भूल है।
पुस्तकों से अभ्यास प्रश्न हल करने से प्रश्न हल करने का कौशल बढ़ता है। पुस्तकों में उदाहरणों के द्वारा प्रश्नों का हल दिया हुआ होता है जिनकों हल करने के बाद हम अभ्यास के प्रश्नों को आसानी से हल कर पाते हैं। माॅडल टेस्ट पेपर भी दिए हुए होते हैं जिनकों हल करके हम हमारी प्रश्नों को हल करने की स्पीड बढ़ा सकते हैं। प्रैक्टिस सेट को जितना हल करते हैं उतना ही हमारी हल करने की स्पीड के साथ शुद्धता Accuracy) बढ़ती है। पुस्तकें सिलेबस के आधार पर लिखी हुई होती है इसलिए अलग-अलग टाॅपिक के लिए विषयवस्तु इकट्ठी करने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता है बल्कि एक ही पुस्तक में हमें पूर्ण सिलेबस पर आधारित प्रश्न मिल जाते हैं। अलग-अलग पुस्तकें पढ़ने और हल करने से हमारी प्रश्नों को हल करने की क्षमता बढ़ती है। प्रत्येक पुस्तक का डिफीकल्टी लेवल अलग-अलग होता है इसलिए डिफीकल्ट सवालों को हल करने से हमारी बौद्धिक क्षमता बढ़ती है। अलग-अलग पुस्तकों में प्रश्नों की विविधता होती है इसलिए हमारी तार्किक, चिंतन शक्ति बढ़ती है और प्रश्नों को रटने के चांस समाप्त हो जाते हैं। लेकिन बहुत ज्यादा पुस्तकों का अम्बार लगाना भी उचित नहीं है। स्तरीय पुस्तकों को ही हल करना चाहिए क्योंकि स्तरीय पुस्तकें लिखनेवाले लेखक विद्वान् तथा अनुभवी होते हैं। लेकिन पुस्तकों का आदी भी नहीं होना चाहिए अन्यथा हमारी बौद्धिक, तार्किक व चिंतन शक्ति नहीं बढ़ सकेगी। इसलिए माॅडल टेस्ट पेपर के आधार पर हमें हमारी परख करते रहना चाहिए कि हमारी बौद्धिक, तार्किक व चिंतन शक्ति का विकास हुआ है या नहीं। यदि नहीं हो रहा हो तो हमें हमारी पढ़ने की शैली को परिवर्तित करना चाहिए। किसी योग्य व विद्वान् से परामर्श लेना चाहिए।अतः केवल पुस्तकों पर ही आश्रित न रहें। इस आर्टिकल में स्तरीय पुस्तकों की सूची दी गई है यदि आपको इनसे भी अधिक अच्छी स्तरीय पुस्तकें पता हो तो आप उनकी भी मदद ले सकते हैं।
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2.RRB NTPC Book 2019: इस एग्जाम के लिए बेस्ट हैं ये बुक्स, कीमत 400 रुपए से कम है(RRB NTPC Book 2019: These Books are Best for This Exam, the Price is Less Than 400 Rupees)-

RRB NTPC Book 2019: These Books are Best for This Examination
RRB NTPC Book 2019: These Books are Best for This Examination
RRB NTPC Books 2019: आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा की तैयारियों में छात्र जुट चुके हैं और इस परीक्षा की तैयारी के लिए बाजार में बहुत सारी किताबें उपलब्ध हैं। यहां हम आपको केवल बेस्ट बुक्स के बारे में बता रहे हैं जिनकी कीमत 400 रुपए से कम है...
 Updated: 24 Sep 2019
RRB NTPC Book 2019 In Hindi: आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा के लिए बाजार में बहुत सी किताबें उपलब्ध हैं लेकिन ये सभी किताबें न तो आप पढ़ सकते हैं और न ही इनके बारे में जानते हैं। इसलिए यहां हम आपको उन किताबों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें खुद इस्तेमाल करने वालों ने बेहतरीन बताया है। इन किताबों की मदद से आप आरआरबी एनटीपीसी एग्जाम में अच्छा स्कोर हासिल कर सकते हैं।
इन किताबों में न केवल सिलेबस को अच्छी तरह से बताया गया है बल्कि इन की कीमत भी कम है जिससे ये अधिकतर आवेदकों के बजट में आसानी से आ जाएंगी।
RRB NTPC Guide 2019 by Arihant Experts
यह किताब आरआरबी एनटीपीसी के पहले स्टेज के एग्जाम को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। ताजा एग्जाम पैटर्न के अनुसार इस किताब में प्रश्नों को तैयार किया गया है। यह किताब मुख्य तौर से चार भागों में बंटी है। जिसमें गणित, जनरल अवेयरनेस, जनरल इंटेलिजेंस और रीजनिंग शामिल है। इसके अलावा इसमें पिछले छह महीनों के सामान्य ज्ञान की जानकारी भी दी गई है।
इसके अलावा इस किताब में 3 प्रैक्टिस टेस्ट भी दिए गए हैं ताकि आप अपनी तैयारी के स्तर का पता लगा सकें। इस किताब की कीमत करीब 220 रुपए के आसपास है।
30 Practice Sets RRB NTPC CBT (Stage -1) by Arihant Experts
अरिहंत एक्सपर्ट्स की यह एक और बेहतरीन बुक है जिसकी मदद से आप आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। इस किताब में मुख्य रूप से परीक्षा के लिए प्रैक्टिस सेट्स दिए गए हैं। इसमें 30 प्रैक्टिस सेट दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें 6 महीने की करंट अफेयर, 3 हल किए हुए पेपर और जीके, गणित और रीजनिकंग के फास्ट ट्रैक रीविजन दिए गए हैं। इस किताब के साथ आपको ऑनलाइन प्रैक्टिस सेट के फ्री मिलेंग। इस बुक की कीमत करीब 154 रुपए है।
Guide to RRB NTPC Non Technical Recruitment Exam By Disha Expert
यह इस किताब का दूसरा एडीशन है जिसे अगस्त 2019 में जारी किया गया है। इस किताब में आरआरबी एनटीपीसी के स्टेज 1 और 2 के हल किए हुए पेपर दिए गए हैं। इस किताब के चार भाग हैं जिसमें जनरल इंटेलीजेंस और रीजनिंग, जनरल अवेयरनेस, जनरल साइंस और अर्थमैटिक दिए गए हैं। इसके बाद प्रत्येक सेक्शन चार चैप्टर्स में बंटा हुआ है जिसमें थ्योरी के जरिए कॉन्सेप्ट को बताया गया है और इसके बाद बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। प्रत्येक चैप्टर के अंत में सभी सवालों के जवाब दिए गए हैं। इस किताब की कीमत करीब 161 रुपए है।
Kiran's Railway RRB NTPC Stage-I Online Exam Practice Work Book By Kiran Prakashan
यह आरआरबी एनटीपीसी एग्जाम की प्रैक्टिस बुक है इसमें पिछले 20 साल के हल किए हुए प्रश्न दिए गए हैं। इसमें 1999 से 2019 तक के टाइपवाइस हल किए हुए प्रश्न दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें 9200 से ज्यादा ऑब्जेक्टिव सवाल दिए गए हैं। इस किताब के साथ आपको फ्री स्क्रैच कार्ड भी दिया जा रहा है। किताब की कीमत करीब 370 रुपए हैं। आप इसका ई-एडीशन भी मंगा सकते हैं जिसकी कीमत 296 रुपए है।


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Is Education Pride of Man in hindi || Is education glory of man


Is Education Pride of Man in hindi || Is education glory of man



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Teachers are Taking Training to Make Maths Topic Simple and Interesting

Teachers are Taking Training to Make Maths Topic Simple and Interesting

1.गणित विषय को सरल और रोचक बनाने को शिक्षक ले रहे प्रशिक्षण(Teachers are Taking Training to Make Maths Topic Simple and Interesting) - 

Teachers are Taking Training to Make Maths Topic Simple and Interesting
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इस आर्टिकल में बताया गया है कि गणित विषय को सरल व रोचक बनाने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गणित शिक्षक एक बार शिक्षा संस्थानों में नियुक्त होने के बाद अध्यापन के प्रति गम्भीर नहीं रहते हैं इसलिए विद्यार्थी यह कहते हुए पाए जाते हैं कि उन्हें गणित विषय समझ में नहीं आता है अथवा गणित के अध्यापक उन्हें ठीक से समझाते नहीं है। गणित को रोचक व सरल बनाने के लिए नए-नए अनुसंधान तथा तरीके ईजाद किए जाते रहते हैं। परन्तु जो गणित शिक्षक स्वाध्याय नहीं करते और अधिकांश शिक्षकों की यही हालत है, इसलिए वे गणित को रुचिकर और सरल तरीके से नहीं पढ़ा पाते हैं और ऐसे शिक्षक गणित को परम्परागत तरीके से ही पढ़ाते हैं। गणित अन्य विषयों की तुलना में कठिन विषय है इसलिए गणित को पढ़ाने के लिए उतना ही अधिक परिश्रम व समर्पण की आवश्यकता होती है। शिक्षक पद पर नियुक्ति के बाद में शिक्षकों का कोई Test नहीं लिया जाता है तथा न उन पर न पढ़ाने के लिए कोई कार्रवाई करने का कोई प्रावधान है। ऐसी स्थिति में गणित शिक्षक अपनी नौकरी को पक्की समझकर विद्यार्थियों को समर्पित भाव से नहीं पढ़ाते हैं फलतः विद्यार्थियों को गणित विषय ठीक से समझ में नहीं आता है। ऐसी परिस्थितियों में डायट द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण देने तथा गणित विषय को सरल व रोचक बनाने के टिप्स बताने का कदम उचित तथा समीचीन है। समय-समय पर गणित शिक्षकों को इस प्रकार प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। उन्हें नवीन विधा तथा तरीके बताएं जाने चाहिए कि किस प्रकार गणित विषय को रोचक व सरल बनाया जा सकता है। गणित विषय का हमारे जीवन व जाॅब में कितना महत्त्व है कितनी भूमिका है यह हम भलीभाँति जानते हैं। बहुत से विद्यार्थियों के मन की यह भावना होती है कि वे गणित विषय को ऐच्छिक विषय के रुप में चुने परन्तु चाहकर भी वे चुनाव नहीं कर पाते हैं क्योंकि गणित विषय की विषयवस्तु अन्य विषयों से हटकर तथा कठिन है जिसे बिना शिक्षक की सहायता के हल करना बहुत कठिन है तथा दूसरा कारण है कि अध्यापक गणित को परम्परागत तरीके से पढ़ाते हैं जिससे विद्यार्थियों को गणित विषय नीरस लगता है तीसरा कारण है कि गणित विषय पढ़ा-लिखा व्यक्ति परिवार में बहुत कम मिलते हैं जो विद्यार्थियों की मदद कर सके चौथा कारण है कि सरकार तथा स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा गणित को बढ़ावा नहीं दिया जाता है।
गणित विषय का दायरा बढ़ाने, विद्यार्थियों के लिए गणित को सरल व रोचक बनाने तथा गणित विषय का हमारे जीवन व जाॅब से सम्बन्ध होने के कारण इस प्रकार के प्रशिक्षण समय-समय पर किए जाए तथा उसकी समय-समय पर समीक्षा करते रहना चाहिए जिससे यह विद्यार्थियों और हम सबके हित में होगा।
गणित को सरल व रोचक बनाने में सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका शिक्षक की होती है। इसलिए इस तरह के प्रशिक्षण में शिक्षकों को रुचि लेना चाहिए और गणित को सरल व रोचक बनाने की कला सीखते रहना चाहिए। गणित शिक्षक, गणित को प्रभावी ढंग से तभी पढ़ा सकता है जबकि वह जीवन भर विद्या अर्जित करता रहे तथा गणित का ज्ञान प्राप्त करने की प्यास हमेशा बनी रहे। अर्थात् उसे इस प्रकार की सोच नहीं रखनी चाहिए कि वह तो शिक्षक है अब उसे सीखने की क्या आवश्यकता है? विद्या अनन्त है तथा अनन्त को सीखने में हमारा वर्तमान जीवन ही नहीं बल्कि कई जन्मों के जीवन भी छोटे पड़ जाते हैं। गणित को सरल व रोचक बनाकर सीखने के बाद यह आवश्यकता है कि उसका लाभ विद्यार्थियों तक पहुँचाएं। कहने का तात्पर्य यह है कि गणित शिक्षक की कितनी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है यह हम आसानी से समझ व जान सकते हैं। गणित विषय को सीखने-सीखाने के लिए गणित शिक्षक व विद्यार्थियों दोनों को सजग, सतर्क व चौकस रहना चाहिए। यदि दोनों में से एक भी लापरवाही करेगा तो गणित विषय को सीखना, सीखाना कठिन ही नहीं बल्कि असंभव हो जाएगा। इसलिए प्रशिक्षण के साथ शिक्षकों व विद्यार्थियों की मानसिकता को बदलने की अधिक आवश्यकता है।
Teachers are Taking Training to Make Maths Topic Simple and Interesting
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2.गणित विषय को सरल और रोचक बनाने को शिक्षक ले रहे प्रशिक्षण(Teachers are Taking Training to Make Maths Topic Simple and Interesting) - 

अल्मोड़ाUpdated: Fri, 22 Nov 2019
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) अबेकस के माध्यम से गणित विषय को सरल एवं रोचक बनाने को लेकर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पांच दिवसीय प्रशिक्षण में जिले के 30 राजकीय विद्यालयों के शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं। प्रशिक्षण में हर ब्लाक से दो मॉडल विद्यालय सहित अन्य विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण का शुभारंभ डायट प्राचार्य डा. राजेंद्र सिंह ने किया। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों से शिक्षा में गुणवत्ता लाने सहित गणित विषय को रोचक बनाने के लिए अपने स्तर से प्रयास करने को कहा। प्रशिक्षण डायट प्रवक्ता डा. एमएल पांडेय एवं डा. सरिता पांडेय ने दिया। इस दौरान जिला समन्वयक महेंद्र प्रकाश, बाला दत्त, राजपाल, पवन सिंह, गणेश सिंह बिष्ट, हरी राम, ममता वर्मा, दीपिका बिष्ट सहित कई शिक्षक मौजूद रहे।



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Admit Card of CTET 2019 Released on Online Official Website

Admit Card of CTET 2019 Released on Online Official Website

1.CTET 2019 के एडमिट कार्ड ऑनलाइन अधिकारिक वेबसाइट पर जारी का परिचय (Introduction to Admit Card of CTET 2019 Released on Online Official Website) - 

Admit Card of CTET 2019 Released on Online Official Website
Admit Card of CTET 2019 Released on Online Official Website 
Central Teacher Eligibility Test (CTET) अर्थात् शिक्षक पात्रता परीक्षा के लम्बे इन्तजार के बाद एडमिट कार्ड आनलाईन जारी कर दिए गए हैं। सामान्य अभ्यर्थी कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित होती है तो उसके परीक्षा फार्म भरने के  पश्चात उसकी परीक्षा तिथि घोषित होने पर ही परीक्षा की तैयारी प्रारम्भ करते हैं। यदि निर्धारित तिथि पर परीक्षा आयोजित नहीं होती है तो एडमिट कार्ड का इन्तजार करते हैं तब तक परीक्षा की तैयारी को रोक देते हैं जब तक कि वापिस एडमिट कार्ड आनलाईन अपलोड नहीं कर दिए जाए। इस प्रकार की संशयपूर्ण स्थिति में रहना और उसकी तैयारी न करना अभ्यर्थियों के लिए घातक सिद्ध होती है क्योंकि अचानक एडमिट कार्ड अपलोड करने और परीक्षा तिथि के बीच बहुत कम समय बचता है और इतने कम समय में तैयारी करना बहुत मुश्किल है। जो भी लक्ष्य आपने तय किया है उसके लिए आपकी पूर्व तैयारी ही काम देती है। परीक्षा के आस-पास का समय, पूर्व में की गई तैयारी की पुनरावृत्ति, माॅक टेस्ट तथा सवालों को हल करने की स्पीड बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए। जो विद्यार्थी ऐसा नहीं करते हैं वे नुकसान उठाते हैं और प्रतियोगिता परीक्षा को पास न करने को लेकर पश्चाताप करते हैं। जो अतिप्रतिभाशाली तथा प्रतिभाशाली विद्यार्थी होते हैं, उनकी बात अलग है। ऐसे विद्यार्थी कम समय में ही प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर लेते हैं।CTET में गणित का भी Test लिया जाता है। यह अध्यापक पद के लिए चयन की परीक्षा नहीं है बल्कि अध्यापक पद के लिए पात्रता परीक्षा है और पात्र अभ्यर्थियों को ही अध्यापक चयन परीक्षा में भाग ले सकते हैं। सामान्यतः अभ्यर्थी अध्यापक प्रशिक्षण का कोर्स करने के बाद अध्यापक पद के चयन हेतु आश्वस्त हो जाते हैं और वे किसी प्रकार की तैयारी नहीं करते हैं। अध्यापक का पद ऐसा पद है जिसके लिए सतत अध्ययन करते रहना आवश्यक है क्योंकि बालक-बालिकाएं देश का भविष्य होते हैं तथा बालकों को शिक्षा प्रदान करना, बालकों का निर्माण करना, देश का निर्माण करने के समान है। इसलिए अभ्यर्थियों को चयन परीक्षा के बाद भी अर्थात् अपने पद पर भी कार्यरत रहते हुए अध्ययन करते रहना चाहिए और अपने ज्ञान को update करते रहना चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए अनुसंधान हो रहे हैं उनकी जानकारी प्राप्त करते रहना चाहिए। इसलिए यदि अभ्यर्थी की वास्तविक रूप में अध्यापन व्यवसाय में रूचि है तो ही इस क्षेत्र में प्रवेश करना चाहिए अन्यथा अपनी रुचि के क्षेत्र में ही जाना चाहिए। केवल व्यावसायिक दृष्टिकोण से ही इसमें कदम नहीं रखना चाहिए। हर विषय के अध्यापक का गणित Test भी इसलिए लिया जाता है कि विद्यार्थियों की अपने विषय के अलावा अन्य विषयों में आनेवाली समस्याओं का समाधान कर सके। अध्यापक के ज्ञान का दायरा संकुचित न होकर व्यापक होना चाहिए। गणित का Test लेने का दूसरा कारण यह भी है कि गणित के द्वारा अभ्यर्थियों में विशेष प्रकार की परिपक्वता, तर्क और चिंतन करने की शक्ति का पता लगाया जा सके। गणित की तैयारी करने के टिप्स जानने के लिए हमारे अन्य आर्टिकल को पढ़ना चाहिए।
यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए ।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। 

2.CTET 2019 के एडमिट कार्ड ऑनलाइन ctet.nic.in पर जारी (Admit Card of CTET 2019 Released on Online Official Website) - 

जानिए CBSE शिक्षक पात्रता परीक्षा पेपर पैटर्न
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने काफी इंतजार के बाद आखिरकार केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया है। CBSE CTET 2019 का एडमिट कार्ड आज, 21 नवंबर को अपलोड किया गया था। राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में बैठने वाले सभी उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाने की सलाह दी जाती है; ctet.nic.in डाउनलोड करने और भविष्य के संदर्भ के लिए उसी का प्रिंट आउट लेने के लिए। CBSE CTET 2019 परीक्षा 8 दिसंबर, 2019 को विभिन्न केंद्रों पर आयोजित करेगा। टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट से आगे, यहां उम्मीदवारों को अपनी तैयारी शुरू करने के लिए सीबीएसई परीक्षा पेपर पैटर्न दिया गया है।
सीबीएसई ने आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से कहा कि वह नवंबर के तीसरे सप्ताह में सीटीईटी 2019 हॉल टिकट जारी करेगा । और इस हफ्ते की शुरुआत से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि बोर्ड कब एडमिट कार्ड अपलोड करेगा। सही समय पर, एडमिट कार्ड जारी कर दिया गया। CTET 2019 के एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए, उम्मीदवारों को इसे ऑनलाइन एक्सेस करने के लिए अपना लॉगिन विवरण जमा करना होगा।
सीबीएसई सीटीईटी 2019 पेपर पैटर्न
CTET परीक्षा दो स्तरों पर आयोजित की जाएगी- पेपर 1 (प्राथमिक चरण) और पेपर 2 (प्रारंभिक चरण)। दोनों पेपर एक ही दिन अलग-अलग पालियों में आयोजित किए जाएंगे। दोनों पेपरों में बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे, और उम्मीदवारों को उत्तर देने के लिए 150 मिनट का समय मिलेगा। कोई नकारात्मक अंकन नहीं है। पेपर 1 में बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, भाषा I (अनिवार्य) के प्रश्न शामिल होंगे। भाषा II (अनिवार्य), गणित और पर्यावरण अध्ययन। और पेपर 2 बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, भाषा I (अनिवार्य) से प्रश्न ले जाएगा। भाषा II (अनिवार्य), गणित और विज्ञान या सामाजिक अध्ययन।
सीबीएसई सीटीईटी 2019 पेपर 1 कक्षा 1 से कक्षा 5 के लिए प्राथमिक स्कूल शिक्षण के लिए है। फिर, पेपर 2 प्राथमिक स्कूल शिक्षाओं के लिए है; प्रश्न कक्षा 6 से कक्षा 8 के स्तर के हैं। राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा देशभर के 110 शहरों में 20 भाषाओं में आयोजित की जाएगी।

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Students Studying Vedic Mathematics will Develop Indian Values

Students Studying Vedic Mathematics will Develop Indian Values

1.वैदिक गणित पढ़ा छात्रों में विकसित करेंगे भारतीय संस्कार का परिचय (Introduction to Students Studying Vedic Mathematics will Develop Indian Values)-

Students Studying Vedic Mathematics will Develop Indian Values
Students Studying Vedic Mathematics will Develop Indian Values
इस आर्टिकल में बताया गया है कि वैदिक गणित की पढ़ाई कराकर विद्यार्थियों में भारतीय संस्कार विकसित किए जाएं। इसमें बताया गया है कि इस वक्त जो शिक्षा दी जा रही है वह राष्ट्र केन्द्रित नहीं है। यह ठीक बात है कि वैदिक गणित के सूत्रों से कैलकुलेशन आसान हो जाता है। जैसे 45 x 45 का मान वैदिक गणित से तत्काल बताया जा सकता है कि इसका मान 2025 प्राप्त होगा। हमारा मानना है कि वर्तमान गणित के स्थान पर वैदिक पढ़ाया जाना इसलिए उचित नहीं है क्योंकि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर माॅडर्न गणित ही पढ़ाई जाती है अतः माॅडर्न गणित को हटा दिया जाएगा  तो भारतीय बालक-बालिकाएं गणित में पिछड़ जाएंगे। इसलिए वैदिक गणित को माॅडर्न गणित के पूरक गणित के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए। हाँ, यह अवश्य है कि वर्तमान में युवाओं में संस्कारों का अभाव है, इसका कारण है कि भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा का अभाव। यदि बालक-बालिकाओं को नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा भी पढ़ाई जाए तो बालक-बालिकाएं संस्कारवान होंगे। नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा का पाठ्यक्रम इस प्रकार का होना चाहिए जो सार्वभौमिक हो।दूसरा कारण है कि वर्तमान शिक्षा पद्धति में सैद्धांतिक शिक्षा दी जाती है तथा व्यावहारिक शिक्षा का अभाव है। इसलिए सैद्धान्तिक शिक्षा के साथ व्यावहारिक व चारित्रिक शिक्षा भी दी जाए। भारतीय शिक्षा पद्धति तथा पाश्चात्य शिक्षा पद्धति में से वे बाते सम्मिलित की जानी चाहिए जो बालकों के हित में हो तथा आधुनिक युग के अनुकूल हो। पाश्चात्य गणित शिक्षा का यह अर्थ नहीं है कि वह विद्यार्थियों के अनुकूल नहीं है तथा भारतीय शिक्षा का यह अर्थ नहीं है कि वह पूरी तरह सही है। आधुनिक युग के अनुकूल तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गणित शिक्षा में भारतीय बालक-बालिकाएं पिछड़ न जाएँ इसको ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम रखा जाना चाहिए। कुछ विद्वान भारतीय शिक्षा पद्धति के घोर आलोचक है और उसे घिसी-पिटी, पुरातन अर्थात् आउट आफ डेटेड, दकियानूसी समझते हैं तथा कुछ विद्वान पाश्चात्य शिक्षा को उन्मुक्त, स्वच्छन्द, सैद्धान्तिक मानते है अर्थात्‌ भारतीय परिवेश के अनुकूल नहीं मानते हैं। हमारे विचार से बालक-बालिकाओं के हित को ध्यान में रखते हुए तथा आधुनिक युग से कदम मिलाकर चल सके एवं आत्मनिर्भर हो सके, बालक-बालिकाओं में संस्कारों का निर्माण हो सके इस प्रकार के पाठ्यक्रम को सम्मिलित किया जाना चाहिए। प्राचीनकाल की आवश्यकताएं, परिस्थितियां तथा समय अलग तरह का था। वर्तमान समय की आवश्यकताएं, परिस्थितियाँ तथा समय अलग तरह का है अर्थात् बहुत कुछ बदल चुका है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए गणित का सिलेबस तय करना चाहिए।
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2.वैदिक गणित पढ़ा छात्रों में विकसित करेंगे भारतीय संस्कार(Students Studying Vedic Mathematics will Develop Indian Values)-

Wed, 31 Oct 2018
- यूपी बोर्ड ने जारी किया सिलेबस, अगले सेशन से होगा लागू
GORAKHPUR: यूपी बोर्ड से संबद्ध माध्यमिक इंटर कॉलेजेज में वैदिक गणित की पढ़ाई करा छात्रों में भारतीय संस्कार विकसित किए जाएंगे. इसके लिए बोर्ड की ओर से सिलेबस पर काम लगभग पूरा हो गया है और जल्द ही बाजार में इसकी किताबें भी आ जाएंगी. अगले सत्र से स्कूलों में इसे लागू कर दिया जाएगा. यह प्रस्ताव विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की ओर से बोर्ड को भेजा गया था जिस पर बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है.
बता दें, यूपी बोर्ड अंतर्गत आने वाले माध्यमिक इंटर कॉलेजेज में वैदिक गणित पढ़ाए जाने के लिए विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की ओर से बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया था. जिसे स्वीकार कर लिया गया है. संस्थान का कहना है कि इस वक्त की शिक्षा राष्ट्र केंद्रित नहीं है, इसमें पश्चिमी सभ्यता की छाप है. इसको दूर करने और अपनी शिक्षा को देश केंद्रित बनाने के लिए बोर्ड को 32 बिंदुओं का प्रस्ताव भेजा गया था. इसमें वैदिक गणित को बोर्ड ने स्वीकृत कर लिया है. इसके अलावा इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत करने और कई योद्धाओं जिनकी गाथाएं नहीं हैं, उन्हें शामिल करने का भी प्रस्ताव है. अब अगले सत्र में जितने बदलाव हो जाएंगे उसके बाद संस्थान फिर से अन्य बदलावों को लागू करने के लिए प्रयास करेगा.
कोट्स
वैदिक गणित में संस्कृत के सूत्रों से गणित के सूत्रों को पढ़ाया जाता है. इससे कैलकुलेशन काफी आसान हो जाता है. बारह साल पहले भी इसे शुरू किया गया था, लेकिन एक दो साल में ही इसे बंद कर दिया गया. हालांकि, अब तक इसका कोई सिलेबस और किताबें नहीं आईं हैं.
- सुधीर पांडेय, गणित शिक्षक
मॉडर्न सिलेबस में निश्चित तौर पर पश्चिमी सभ्यता की छाप बढ़ती जा रही है. जिसे दूर किया जाना चाहिए. वैदिक गणित पहले पढ़ाई जाती थी, तब भारतीय सभ्यता की छाप भी नजर आती थी, लेकिन जब से वैदिक गणित बंद हुआ उसके बाद से पश्चिमी सभ्यता की छाप भी बढ़ती हुई नजर आ रही है. इसलिए बच्चों में भारतीय सभ्यता की भी जानकारी के लिए वैदिक गणित की बेहद जरूरत है.
- पंकज दुबे, गणित शिक्षक
वैदिक गणित की पढ़ाई के लिए कवायद शुरू हो चुकी है. अगले सत्र से बच्चों को पढ़ाए जाने का सिलसिला प्रारंभ होगा.
- ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस

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What is Aryabhatta Mathematics Challenge Test

What is Aryabhatta Mathematics Challenge Test 

1.आर्यभट्ट चैलेंज टेस्ट क्या है? का परिचय (Introduction to What is Aryabhatta Mathematics Challenge Test?)- 

What is Aryabhatt  Mathematics Challenge Test ,Aryabhatta Mathematics Bhavan
Aryabhatta Mathematics Bhavan
इस आर्टिकल में बताया गया है कि गणित विषय को ज्यादातर बच्चे पसन्द नहीं करते हैं परन्तु कैरियर के लिहाज से गणित विषय अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इस हकीकत को पहचानते हुए इस वर्ष CBSE बोर्ड ने  गणित को बढ़ावा देने के लिए आर्यभट्ट गणित चैलेंज एक्जाम आयोजित करेगा।
पिछले दिनों CBSE बोर्ड ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया था कि कि दसवीं बोर्ड में गणित के दो पेपर होंगे बेसिक मेथ और स्टैंडर्ड मेथ। जो विद्यार्थी आगे गणित विषय को ऐच्छिक विषय के रूप में नहीं चुनना चाहते हैं वे बेसिक मेथ का पेपर ले सकते हैं और जो विद्यार्थी आगे गणित विषय को ऐच्छिक विषय के रूप में चुनना चाहते हैं, उनको स्टैंडर्ड मेथ का पेपर चुनना होगा। बेसिक मेथ लेकर उत्तीर्ण करनेवाले विद्यार्थी ऐच्छिक विषय के रूप में गणित का चुनाव नहीं कर सकेंगे। यदि बेसिक मेथ लेकर विद्यार्थी दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करता है और बाद में गणित विषय लेना लेना चाहता है तो उसे कम्पार्टमेंट के साथ स्टैंडर्ड गणित का पेपर देना होगा। इस निर्णय के परिणामस्वरूप अधिकांश विद्यार्थियों ने बेसिक मेथ का पेपर लिया था।
अब CBSE बोर्ड ने गणित विषय का केरियर में महत्त्व जानते हुए एक ओर निर्णय लिया है। बोर्ड ने आर्यभट्ट चैलेंज एक्जाम के लिए 8 से 10 कक्षा के विद्यार्थियों हेतु रजिस्ट्रेशन का नोटिफिकेशन जारी किया है। इस टेस्ट को लिए जाने का कारण यह है कि गणित विषय का कैरियर में अहम योगदान होता है इसलिए गणित में रुचि जाग्रत करने व प्रतिभाओं का चयन करके उनको आगे बढ़ाने का मकसद है।
हमारे विचार से इस प्रकार के प्रगतिशील तथा नवीन निर्णय लेकर गणित में रुचि बढ़ाने का कदम स्तुत्य है। दरअसल बेसिक मेथ और स्टैंडर्ड मेथ के दो पेपर करने के कारण अधिकांश विद्यार्थियों ने बेसिक मेथ चयन किया था क्योंकि बेसिक मेथ के पेपर का डिफीकल्टी लेवल स्टैंडर्ड मेथ से कम अर्थात् स्टैंडर्ड मेथ का पेपर कठिन होगा। गणित विषय को लेकर इस प्रकार निर्णय करने से अधिकांश विद्यार्थी गणित से किनारा करने लगेंगे, लेकिन गणित विषय से इस प्रकार पीछा छुड़ाने से गणित से पीछा नहीं छूट सकता है। आज हर जाॅब में गणित का टेस्ट लिया जाता है, ऐसी स्थिति से गणित के महत्त्व का पता चलता है। बेसिक मेथ का चयन करने तथा ऐच्छिक विषय के रूप में गणित को न लेने के कारण बाद में कई विद्यार्थी पश्चाताप करते हैं कि उन्होंने गणित विषय न लेकर कितनी बड़ी भूल कर दी है। यह टेस्ट गणित के प्रति रुचि जाग्रत करने में अहम भूमिका निभाएगा। दूसरा इस टेस्ट का फायदा यह होगा कि गणित की प्रतिभाओं का पता चल सकेगा और उन प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
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2.आर्यभट्ट चैलेंज टेस्ट क्या है? (What is Aryabhatta Challenge Test?)- 

What is Aryabhatta  Mathematics Challenge Test
What is Aryabhatta  Mathematics Challenge Test 
ज्यादातर बच्चे व बड़े गणित विषय को पसंद नहीं करते हैं लेकिन कॅरियर के लिहाज से विषय की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल बोर्ड सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने हाल ही ‘आर्यभट्ट गणित चैलेंज’ का हिस्सा बनने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर एंट्रीज मंगवाई हैं।
ज्यादातर बच्चे व बड़े गणित विषय को पसंद नहीं करते हैं लेकिन कॅरियर के लिहाज से विषय की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल बोर्ड सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने हाल ही ‘आर्यभट्ट गणित चैलेंज’ का हिस्सा बनने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर एंट्रीज मंगवाई हैं। जानें इससे जुड़ी अन्य जानकारी -
योग्यता की बात करें तो सीबीएसई द्वारा संबद्ध स्कूलों के कक्षा ८वीं से लेकर १०वीं के छात्र-छात्राएं इस चैलेंज में पार्टिसिपेट कर सकते हैं।
टेस्ट के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके बाद 18-22 नवंबर के बीच रजिस्ट्रेशन कराने वाले स्कूलों को ऑनलाइन लिंक के द्वारा प्रश्न-पत्र भेजा जाएगा। इस टेस्ट में हर स्कूल से तीन स्टूडेंट्स चयन किया जाएगा।
फर्स्ट स्टेज में प्रत्येक रजिस्टर्ड स्कूल से चयनित तीन स्टूडेंट्स को दूसरे चरण में कम्प्यूटर बेस्ड एग्जाम में प्रस्तुत होना होगा। जो कि 29 नवंबर, 2019 को आयोजित होगा। सेकेंड स्टेज में सीबीएसई के हर रीजन से 100 स्टूडेंट्स का चयन किया जाएगा, जिन्हें मेरिट सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।
इस चैलेंज में मैथेमैटिक्स विषय से कई तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे। तीन सेक्शन से प्रत्येक में से 20 अंकों के सवाल पूछे जाएंगे। इसमें चेंज एंड रिलेशनशिप्स, क्वांटिटी, अनसर्टेनिटी एंड डाटा, पजल्स, हिस्ट्री ऑफ मैथेमैटिक्स, मैथैमैटिक्स करंट अफेयर्स, मैथेमैटिक्स ऑल अराउंड अस, न्यूमेरिकल एबिलिटी, रीजनिंग और स्पेशियल एबिलिटी विषय शामिल हैं। एक घंटे की समयावधि वाले इस कॉम्पिटीशन में बहुवैकल्पिक प्रश्न आएंगे जो कुल 60 अंकों के होंगे। इसमें नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान नहीं है।
अधिक जानकारी के लिए जा सकते हैं वेबसाइट पर : http://cbse.nic.in/newsite/attach/62_Circular_2019.pdf


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Mathematics in NDA and Aptitude Test in NTSE Troubled

Mathematics in NDA and Aptitude Test in NTSE Troubled

1.एनडीए में गणित तो एनटीएसई में एप्टीट्यूड टेस्ट ने किया परेशान का परिचय (Introduction to Mathematics in NDA and Aptitude Test in NTSE Troubled) - 

Mathematics in NDA and Aptitude Test in NTSE Troubled
Mathematics in NDA and Aptitude Test in NTSE Troubled
इस आर्टिकल में बताया गया है कि NDA में गणित के प्रश्न-पत्र का लेवल उच्च स्तर का था जिसे हल करने में अभ्यर्थियों को कठिनाई महसूस हुई। गणित के प्रश्न-पत्र को हल करने में कठिनाई महसूस होने के कुछ कारण हैं जिन्हें दूर कर दिया जाए तो हम गणित के प्रश्न-पत्र में कठिनाई महसूस नहीं करेंगे। प्रतियोगिता परीक्षाओं में गणित का जो सिलेबस दिया हुआ होता है उसकी यदि हम सिलेक्टेड तैयारी करते हैं तो गणित विषय के प्रश्न-पत्र को हल करने में कठिनाई होगी। प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न-पत्र व्यापक व गहराई लिए हुए होते हैं। इन परीक्षाओं में सरल प्रश्नों को भी घुमा फिराकर पूछा जाता है जिससे अभ्यर्थी हल करने में कठिनाई महसूस करते हैं। गणित का जो सिलेबस है यदि हमारी तैयारी उससे उच्च स्तर की होगी तो कठिनाई महसूस नहीं होगी। जैसे हमें 50 किमी की दौड़ की प्रतियोगिता में हिस्सा लेना है तो हमारी तैयारी 75 से 100 किमी तक की होनी चाहिए तभी हम 50 किमी की दूरी को सफलतापूर्वक व आसानी से पार कर सकेंगे। जबकि अभ्यर्थी 50 किमी या इससे कम दूरी का अभ्यास करते हैं जिससे वे 50 किमी की दूरी की दौड़ में असफल हो जाते हैं। इसलिए जितना Syllabus दिया हुआ है उसके लेवल से दुगुनी तैयारी करके रखें। हर तरह से आनेवाले सवालों का बार-बार अभ्यास करें। आनलाईन माॅक टेस्ट से बार-बार अपना मूल्यांकन करते रहें। याद रखें कि प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता का कोई Shortcut Method नहीं है। हम जो भी अभ्यास करते हैं उसे हमें दिशा मिलती है कि इस तरह के सवाल आ सकते हैं। परन्तु जो सवाल हम हल करते हैं जरूरी नहीं कि वे सवाल आएगें बल्कि वे सवाल नहीं आते हैं, हाँ उस तरह के सवाल आ सकते हैं। परन्तु जो सवाल हम हल करते हैं उससे हमारे अभ्यास करने की क्षमता बढ़ती है। अर्थात् उन सवालों को अभ्यास करने का अर्थ है कि हम हमारे अन्दर सवाल हल करने का कौशल विकसित कर रहे होते हैं। परीक्षा में आनेवाले सवाल हम अपने अनुभव के आधार पर हल करते हैं। हमारे अनुभव में विवेक, बुद्धि, कौशल, सूझबूझ इत्यादि गुणों का समावेश होता है। विवेक, बुद्धि, कौशल, सूझबूझ इत्यादिगुगुणों को जितना हम विकसित करते जाते हैं उतना ही प्रश्न-पत्र हमारे लिए सरल हो जाता है। अन्य विषयों की तुलना में हमें इन गुणों के अतिरिक्त चिंतन, तर्कशक्ति जैसे गुणों की गणित में अधिक आवश्यकता होती है। इसलिए बालकों की प्रारम्भ में ही प्रतिभा को पहचानकर उस प्रतिभा को विकसित करने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा करने से हमें गणित विषय कठिन नहीं लगेगा और हम उसको आसानी से हल कर पाएंगे।
यदि आर्टिकल पसन्द आए तो अपने मित्रों के साथ शेयर और लाईक करें जिससे वे भी लाभ उठाए ।आपकी कोई समस्या हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। 

2.एनडीए में गणित तो एनटीएसई में एप्टीट्यूड टेस्ट ने किया परेशान(Mathematics in NDA and Aptitude Test in NTSE Troubled)-

Publish Date:Mon, 18 Nov 2019
राजधानी रांची में रविवार को एनडीए व एनटीएसई की परीक्षा हुई।...
जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी रांची में रविवार को एनडीए व एनटीएसई की परीक्षा हुई। दोनों परीक्षाओं में करीब 20 हजार विद्यार्थी जुटे थे। एनडीए की परीक्षा देकर निकले परीक्षार्थियों ने गणित को टफ बताया तो एनटीएसई में एप्टीट्यूड टेस्ट ने परेशान किया। गणित में कैलकुलस व स्टेटिक्स के सवालों को हल करने में अधिक समय लग रहे थे।
एनडीए की परीक्षा दो पालियों में हुई। प्रथम पाली में 300 अंकों की 120 प्रश्न गणित से तथा द्वितीय पाली में 200 अंकों की 100 प्रश्न अंग्रेजी तथा 400 अंकों के 200 प्रश्न सामान्य ज्ञान से प्रश्न थे। सभी में निगेटिव मार्किंग का प्रावधान था। अंग्रेजी में कंप्रीहेंसन, आइडमस एंड फ्रेज, एंटोनिम्स, स्पॉटिंग इरर, फिल इन द ब्लैंक्स से प्रश्न थे। वहीं एनटीएसई में प्रथम पाली में मेंटल एबिलिटी व द्वितीय पाली में स्कॉलेस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट की परीक्षा हुई। दो सही विकल्प से उलझे परीक्षार्थी
एनटीएसई के द्वितीय पत्र में प्रश्न संख्या-25 में परीक्षार्थी उलझ गए। इस प्रश्न के दो विकल्प 1 व 2 सही थे। परीक्षार्थियों ने कहा कि दोनों सही करते या एक यह समझ नहीं आ रहा था। प्रश्न था- एक तत्व का इलेक्ट्रोनिक विन्यास 2, 8,8,1 है। इस तत्व के बारे में कौन सा कथन सही नहीं है। इसके विकल्प थे-1. यह ग्रुप तीन में उपस्थित है। 2. इसकी संयोजकता एक ऋणात्मक है। 3. यह ग्रुप एक में उपस्थित है। 4. यह चौथा आवर्त में उपस्थित है। एनडीए में एक प्रश्न था-चंद्रयान-2 के लैंडर को कौन सा नाम दिया गया था।

3.खूंटी, दुमका व लोहरदगा में सभी उपस्थित-

एनटीएसई की परीक्षा में राज्य भर से 6906 में से 6420 परीक्षार्थी उपस्थित व 485 अनुपस्थित रहे। सबसे अधिक रांची में 1673 परीक्षार्थी थे जिसमें 1530 उपस्थित रहे तो वहीं सबसे कम दुमका में 13 में सभी उपस्थित रहे। इसी तरह लोहरदगा व खूंटी में भी उपस्थिति सौ फीसद रही। 

4.कड़ी जांच के बाद प्रवेश

एनडीए व एनटीएसई दोनों ही परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को कड़ी जांच से गुजरना पड़ रहा था। प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर से जांच हो रही थी। डीएवी कपिलदेव में एनडीए के परीक्षार्थियों को जूते-मौजे खुलवाए जा रहे थे। वहीं एनटीएसई में संत माग्र्रेट में भी कड़ी जांच हो रही थी।


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