Children Who Enjoy Math Come out Ahead,Get High Academic Achievements

Children Who Enjoy Math Come out Ahead,Get High Academic Achievements

1.मैथ को एन्‍जॉय करने वाले बच्‍चे निकलते हैं आगे, पाते हैं उच्च शैक्षणिक उपलब्धियां का परिचय (Introduction to Children who enjoy math come out ahead,get high academic achievements)-

Children Who Enjoy Math Come out Ahead,Get High Academic Achievements
Children Who Enjoy Math Come out Ahead,Get High Academic Achievements
इस शोध में दर्शाया गया है कि विद्यार्थी किसी कार्य को रुचिपूर्वक व जिज्ञासा के साथ गणित को सीखते हैं तो वे गणित में उच्च शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करते हैं। रुचिपूर्वक कार्य करने से हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ एकजुट होकर उस कार्य को करने में तल्लीन हो जाती है जिससे हमारी एकाग्रता बढ़ती है और गणित सम्बन्धी समस्याओं को अधिक दक्षतापूर्वक हल कर पाते हैं। जिज्ञासा से हमें गणित में नई-नई समस्याओं को हल करने रुचि पैदा होती है और हल करने पर आनन्द की अनुभूति होती है। ज्यों-ज्यों हम समस्याओं को हल करते जाते हैं तो हमें उसमें खुशी महसूस होती है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि गणित सम्बन्धी समस्याओं को हल करने में यदि हममें सकारात्मकता होगी तो आगे बढ़ते जाएंगे और गणित सम्बन्धी समस्याओं को हल करने से हमारे ज्ञान में वृद्धि होती जाएगी जिससे निरन्तर हमारा विकास होता जाएगा। सकारात्मकता से हमारे शरीर की सभी ज्ञानेन्द्रियाँ और सम्पूर्ण शक्ति गणित की किसी भी समस्या को हल करने में लग जाती है।
जीवन के प्रारम्भिक काल में अर्थात् युवावस्था में बुद्धि और विवेक परिपक्व नहीं हुए होते हैं इसलिए बालक बालिकाएं कुसंगति या बुरे वातावरण के कारण दुष्प्रवृत्तियों और यौन विषय की ओर अग्रसर हो जाते हैं तो विवेक व बुद्धि के अभाव में उनके संकल्प और संकल्प शक्ति शुभ व कल्याणकारी नहीं हो पाते हैं। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि अधिकांश बालक-बालिकाएं दुष्प्रवृत्तियों और यौन विषयों के सम्पर्क में आ जाते हैं और धीरे-धीरे वे गलत दिशा की ओर अग्रसर हो जाते हैं।
हमारे ऋषि मुनि बड़े दूरदर्शी और मनोविज्ञान के ज्ञाता थे तभी उन्होंने बचपन से ही सत्संग, स्वाध्याय और सदाचरण का पालन करने पर जोर दिया करते थे। परन्तु आधुनिक युग की बलिहारी है कि इन सब बातों का लोप हमारे जीवन से होता जा रहा है ।इसलिए आज समय तथा स्थितियां जिस प्रकार की है उसमें बहुत कुछ सुधार करने की आवश्यकता है। हमें बालक-बालिकाओं की दिशा व दशा दोनों को ठीक तरफ ले जाने की आवश्यकता है। इसके लिए माता-पिता, अभिभावक, गुरुजनों और हम सबको इस प्रकार का आचरण करना चाहिए जिससे उन्हें सदाचरण पर चलने की सीख मिले और इस प्रकार का कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे उनमें नकारात्मकता और बुरी प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिले। बालक-बालिकाएं हमारे आचरण को देखकर ही सीखते हैं। उपदेश के बजाए आचरण का प्रभाव अधिक पड़ता है। यह शोध भी यही प्रमाणित करता है कि रुचि, जिज्ञासा व खुशी जैसे सकारात्मक गुणों के कारण बालक-बालिकाएं गणित में उच्च शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करते हैं तथा निराशा, चिंता, बोरियत, दुष्प्रवृत्तियों और यौनाचार में लिप्त होने से हमारे अन्दर नकारात्मकता का प्रवेश हो जाता है। हमारी शक्ति खण्ड-खण्ड हो जाती है अर्थात् विभाजित हो जाती है इसलिए ऐसे बालक-बालिकाएं गणित में पिछड़ जाते हैं। 
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2.मैथ को एन्‍जॉय करने वाले बच्‍चे निकलते हैं आगे, पाते हैं उच्च शैक्षणिक उपलब्धियां(Children Who Enjoy Math Come out Ahead,Get High Academic Achievements)-

Updated: 12 फ़रवरी, 2017 
बर्लिन: 
वैज्ञानिकों ने अपने एक शोध में पाया है कि गणित के अध्ययन में रूचि रखने वाले और इसमें बेहतर अंक पाने वाले बच्चे उच्च शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल करते हैं. वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह भी पाया कि गणित अध्ययन में सकारात्मक भावनाएं और सफलता एक दूसरे को परस्पर सुदृढ़ करती हैं.
वैज्ञानिकों ने पाया कि छात्रों की सीखने की प्रवृत्ति और ज्ञान संबंधी प्रदर्शन पढ़ाई के दौरान खुशी, चिंता और बोरियत जैसी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से प्रभावित होती हैं.
जर्मनी के म्युनिख में लुडविग-मैक्सिमिलियंस-यूनीवर्सिटैट (एलएमयू) में शोधकर्ताओं ने पाया कि स्कूल के संदर्भ में छात्रों की भावनाएं उनकी उपलब्धि से जुड़ी होती हैं.
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यह अध्ययन गणित में उपलब्धि पर केंद्रित था जो ना केवल शिक्षा एवं आर्थिक उत्पादकता के लिये अहम है बल्कि इसे छात्रों में त्वरित दृढ़ भावनात्मक प्रतिक्रियाओं के लिये भी जाना जाता है.
एलएमयू म्युनिख और ऑस्ट्रेलियन कैथोलिक यूनीवर्सिटी के प्रोफेसर रीनहार्ड पेकरून ने कहा कि हमने पाया कि वर्ष दर वर्ष भावनाएं छात्रों की गणित उपलब्धि को प्रभावित करती हैं.
अध्ययन का नेतृत्व करने वाले पेकरून ने कहा कि ना केवल अधिक कुशाग्र छात्र बेहतर ग्रेड तथा परीक्षा में अच्छे अंक पाते हैं बल्कि जिन छात्रों को गणित के अध्ययन में रूचि रहती है वे भी बेहतर उपलब्धि पाते हैं.
उन्होंने कहा कि गुस्सा, चिंता, शर्म, बोरियत या नाउम्मीदी रखने वाले छात्रों को कम सफलता मिलती है. यह शोध प्रोजेक्ट फॉर एनलालिसिस ऑफ लर्निंग एंड अचीवमेंट इन मैथेमेटिक्स (पीएएलएमए) के तहत किया गया था. एलएमयू की स्टीफेनी लीशटेनफेल्ड ने कहा कि गणित में सफल प्रदर्शन करने वाले छात्रों की भावनाएं सकारात्मक होती हैं.

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