Why Is There No Nobel Prize In Mathematics?
Why Is There No Nobel Prize In Mathematics?
1.परिचय (Introduction)-
प्राचीनकाल में प्रतिभाओं को विकसित करने का सुव्यवस्थित तथा संस्थागत आधार नहीं था। शासक-प्रशासक अथवा जनता द्वारा शास्त्रार्थ का आयोजन किया जाता था जिसके आधार पर प्रतिभाओं के विजेता होने पर उन्हें पुरस्कृत तथा सम्मानित किया जाता था। धीरे-धीरे विद्यार्थियों तथा मनुष्यों की छुपी हुई प्रतिभा जन सामान्य के सामने लाने और उनकी प्रतिभा का उपयोग करने व प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए संस्थागत आवश्यकता महसूस हुई। वर्तमान काल में गणित की प्रतिभाओं को विकसित करने एवं उनकी प्रतिभाओं का सदुपयोग करने व छुपी हुई प्रतिभा को पल्लवित करने के लिए यों तो कई फुटकर रूप से संस्थागत रूप से प्रयास होते रहे हैं। परन्तु वृहत रूप में गणित के लिए इंडियन नेशनल मैथेमेटिकल ओलम्पियाड तथा विश्व स्तर पर इंटरनेशनल मैथेमेटिक्स ओलम्पियाड का आयोजन होता है। भारत में इंडियन नेशनल मैथेमेटिकल ओलम्पियाड का आयोजन HBCSE(Homi Bhabha Centre for Science Education )भाभा अटाॅमिक सेन्टर आॅफ ऐजुकेशन द्वारा किया जाता है। सेन्टर द्वारा यह आयोजन छ: चरणों में किया जाता है। इसके द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं का डिफीकल्टी लेवल यों कहने को तो 8वीं से 12वीं के स्तर तक होता है परन्तु वास्तविक रूप में डिफीकल्टी लेवल बहुत उच्च स्तर का होता है जिससे बहुत मेधावी विद्यार्थी तथा उच्च प्रतिभाशाली विद्यार्थी ही पार कर पाते हैं। इस परीक्षा के छ:चरणों को पार करने के लिए कठिन परिश्रम और अभ्यास की आवश्यकता होती है। प्रारम्भ में ही ऐसे विद्यार्थियों की पहचान करके उनको तैयारी शुरू से ही तैयारी करवाई जाती है। इंडियन नेशनल मैथेमेटिकल ओलम्पियाड तथा इंटरनेशनल मैथेमेटिकल ओलम्पियाड द्वारा आयोजित इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद उत्तीर्ण प्रतिभागियों के सामने बहुत सारे अवसर खुल जाते हैं। यदि वे आगे अध्ययन करना चाहते हैं तो उनको स्काॅलरशिप प्राप्त होती है जिसके आधार पर वे अपना अध्ययन जारी रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त भी की अवसर होते हैं।इस आर्टिकल में उपर्युक्त परीक्षा की चयन प्रक्रिया को विस्तार से बताया गया है। इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन करके इसमें भाग ले सकते हैं और अपनी प्रतिभा का विकास करने का एक सुनहरा मौका मिलने पर उनका भाग्योदय हो सकता है और अपनी छुपी हुई प्रतिभा को जाग्रत और विस्तृत करके जनहित में लगा सकता है। ऐसा अवसर कुछ विशिष्ट विद्यार्थियों को ही मिलता है। जिनको यह अवसर मिलता है उन्हें इस अवसर का लाभ सम्पूर्ण मानव जाति व गणित को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में करना चाहिए। तात्पर्य यही है कि इस संस्था द्वारा जो अवसर प्रदान किया जाता है उसका लाभ उठाना विद्यार्थियों और हमारे हाथ में है। यदि हम चाहे तो लाभ उठाए और न चाहे तो नहीं उठाए। जैसे प्यासे को कुए के पास जाना ही होगा, कुआं आकर आपसे नहीं कहेगा कि आपको प्यास लग रही है पानी पी लो। इसी प्रकार इन जनहितकारी संस्थाओं का लाभ उठाना चाहते हैं तो हमें पुरुषार्थ करना ही होगा और उसकी क्रियाविधि व नियमों का अनुकरण करना होगा। हम भी इसी उद्देश्य और भावना के साथ इस आर्टिकल को पोस्ट कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी इसमें भाग लें और लाभ उठाएं।
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2.गणित में नोबेल पुरस्कार क्यों नहीं है?(Why Is There No Nobel Prize In Mathematics?)-
हम जानते हैं कि भौतिकी, रसायन, अर्थशास्त्र और शांति के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए प्रतिवर्ष नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। परन्तु गणित के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाता है इसके पीछे कारण बताएं जाते हैं।प्रथम कारण यह माना जाता है कि अल्फ्रेड नोबेल ने उन पुरस्कार देने की घोषणा की जिसमें उनकी रूचि थी। उनकी रूचि विशेषतौर पर भौतिकी, रसायन, मेडिसिन और साहित्य में थी। ऐसा माना जाता है कि उनकी गणित में रूचि नहीं थी। शांति का नोबेल पुरस्कार की बात है तो यह माना जाता है कि उनकी प्रेमिका और सेक्रेटरी बर्था किंस्की ने इसका सुझाव दिया था जिसे 1905 में पुरस्कार मिला था। शांति के नोबेल पुरस्कार के बारे में एक मान्यता यह भी है कि डायनामाइट और अन्य विस्फोटकों की खोज के कारण अल्फ्रेड को 'मौत का सौदागर' कहा जाता था। उन पर लगे इस दाग के धब्बे के धोने के प्रयास के रूप में देखा जाता है।
Nobel Prize,Why Is There No Nobel Prize In Mathematics? |
एक अन्य मान्यता यह भी है कि अल्फ्रेड नोबेल की एक गर्लफ्रेंड थी जिसे वे बहुत प्यार करते थे। उस गर्लफ्रेंड ने उनको धोखा देकर उस समय के बड़े गणितज्ञों में शुमार मिटाग से संबंध बना लिए थे। अगर गणित में नोबेल पुरस्कार शुरू किया जाता तो ऐसे में गणित के पुरस्कार का सबसे बड़ा दावेदार मिटाग होता जिसे अल्फ्रेड की निजी रंजिश थी इसलिए अल्फ्रेड में गणित में नोबेल पुरस्कार न देने में भलाई समझी।
3.गणित के क्षेत्र में फील्ड्स मेडल(Fields Medal in Mathematics)-
Fields Award,Why Is There No Nobel Prize In Mathematics? |
4.गणित के क्षेत्र में एबल पुरस्कार(Abel Prize in Mathematics) -
Why Is There No Nobel Prize In Mathematics |
5.आक्सफोर्ड के प्रोफेसर ने सुलझाया गणित का 300 साल पुराना रहस्य(Oxford professor solved 300 year old mystery of mathematics) -
17 मार्च 2016Professor Sir Andrew Wiles,Why Is There No Nobel Prize In Mathematics |
ज्ञातव्य है कि एबेल पुरस्कार गणित के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। सर एंड्रयू वाइल्स को नार्वे की एकेडमी आॅफ साइंस एंड लेटर्स की ओर से 'एबल' पुरस्कार दिया गया है। प्रोफेसर ने वर्ष 1994 में फर्मेट के 'लास्ट थ्योरम' पर अपना साक्ष्य प्रस्तुत किया था और उन्हें इसी के लिए पुरस्कृत किया गया है।
नार्वे के ओस्लो में मई में वहाँ के युवराज हाकोन के हाथों 62 वर्षीय प्रोफेसर को 60 लाख क्रोन (495000 पाउंड) चेक पुरस्कार स्वरूप दिया गया।
आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के मैथमेटिकल इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर सर एंड्रयू के अनुसार 'एबल पुरस्कार' को पाना और गणित क्षेत्र में महान योगदान देने वाले विद्वानों की सूची में शामिल होना बहुत बड़ा सम्मान है। उन्होंने कहा कि 'फर्मेट का समीकरण' उनके लिए शुरुआती दिनों से मेरा जुनून था और उसे हल करके मुझे संतोष मिला। इस हल को गणित शिक्षा के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
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