Daughter was Afraid of Math, Mother Made App Now Benefit Millions
Daughter Used to Feel Afraid of Math, Mother Made Such App Now Benefit Millions of Children
1.बेटी को लगता था Math से डर, मां ने बनाया ऐसा APP की अब लाखों बच्चों को हो रहा फायदा(Daughter Used to Feel Afraid of Math, Mother Made Such App Now Benefit Millions of Children)-
इस आर्टिकल में बताया गया है कि पुत्री के सामने गणित की कठिनाई उपस्थित होने पर माँ ने अपना कार्य छोड़कर एक गणित की ऐसी एप्लीकेशन बनाई जिसके आधार पर लाखों लाभ उठा रहे हैं।हम बार-बार पोस्ट डालते समय करते रहते हैं कि विद्यार्थियों तथा बालकों को गणित जैसे विषय को पढ़ाने के लिए माता-पिता को केवल विद्यालय के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए बल्कि स्वयं को भी बच्चों के साथ अध्ययन करना चाहिए। यदि गणित में आप शिक्षित हैं तो बच्चों को गणित की समस्याओं को हल करने में मदद करनी चाहिए चाहे आप कितने ही व्यस्त हो, कुछ समय बच्चों के साथ बैठकर उनकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करनी चाहिए। यदि आप गणित में शिक्षित नहीं हैं तो कोचिंग सेंटर अथवा ट्यूटर की व्यवस्था करके, गणित सम्बन्धी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
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वस्तुतः आज के युग में माता-पिता व अभिभावक धनार्जन करने के पीछे इतने व्यस्त रहते हैं कि बच्चों की शिक्षा अच्छे विद्यालय में (अपने स्तर के अनुसार) दिलवाकर अपने कर्त्तव्यों की इतिश्री समझ लेते हैं।
अध्यापक गणित का पाठ्यक्रम पूरा करवाकर अपने कर्त्तव्यों की इतिश्री समझ लेते हैं। ऐसी स्थिति में जब बच्चों की गणितीय समस्याएं हल नहीं होती है तो वे तनावग्रस्त हो जाते हैं और गणित से कतराने लगते हैं, बच्चों को गणित से डर लगने लगता है, वे जैसे-तैसे गणित से छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं, उनको गणित फोबिया हो जाता है । यदि गहराई से देखा जाए तो माता-पिता व अभिभावक को सोचना चाहिए कि इतनी दौड़-धूप व धनार्जन करने के लिए कष्ट आखिर किसके लिए उठा रहे हैं। माना कि सांसारिक कर्त्तव्यों को पूरा करने के लिए धनार्जन की आवश्यकता होती है परन्तु यदि सन्तान को उचित शिक्षा नहीं दे सके या उनको संस्कारवान नहीं बना सके तो हमारा सारा किया कराया समाप्त हो जाएगा। समाज में हमें बदनामी ओर मिलेगी इसलिए माता-पिता व अभिभावकों के लिए यह प्रेरणा प्रदान करने वाला आर्टिकल है। परन्तु इस प्रकार से सहायता करनेवाले माता-पिता अपवाद स्वरूप ही मिलते हैं। इसलिए उन माता-पिताओं को इस उदाहरण से सीख लेनी चाहिए ओर गणित सम्बन्धी या अन्य कोई समस्या बालकों के सामने आए तो प्रथम कर्त्तव्य यही है कि बच्चों की मदद करनी चाहिए और उनकी समस्या का समाधान करने की कोशिश चाहिए। ऐसे उदाहरण जुगनू के प्रकाश की तरह है। काश हमारे भारत में ब्रह्मगुप्त, महावीराचार्य और आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञ अब भी पैदा होते तो नवीन भारत की संसार में एक अलग ही तस्वीर होती। इसलिए इसके लिए हमें बच्चों की गणितीय क्षमता को पहचानकर उनकी प्रतिभा को विकसित करने में योगदान देना चाहिए। यदि माता-पिता अपने बच्चों के लिए ऐसा कर सकें तो उनके जीवन का सबसे प्रमुख कर्त्तव्य पूरा हो जाएगा। समाज आपको सम्मान की दृष्टि से देखेगा। बालकों की सफलता से आपको यश मिलेगा।
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2.बेटी को लगता था Math से डर, मां ने बनाया ऐसा APP की अब लाखों बच्चों को हो रहा फायदा(Daughter Used to Feel Afraid of Math, Mother Made Such App Now Benefit Millions of Children)-
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30 Sep, 2019 पढ़ते समय मैथ्स का नाम आते ही बच्चे कई तरह के बहाने बनाने लगते है। ज्यादातर बच्चों के मन में मैथ्स को लेकर कई तरह के डर होते है। इंफोसिस कंपनी के पूर्व कर्मचारी अवनीत मक्कर की बेटी के मन में भी मैथ्स को लेकर इसी तरह का डर था। अपनी बेटी के मन से इस डर को खत्म करने के लिए अवनीत ने न केवल अपनी जॉब छोड़ी बल्कि उसे समझाते हुए उन्होंने गैलिलियो ऐप बना दिया जो कि बाकी बच्चों के मन से भी मैथ्स के डर को दूर करने में मदद करता हैं। अवनीत ने इस ऐप को बनाते हुए इस बात का ध्यान रखा कि इसमें गणित पढ़ाने के उन तरीकों का प्रयोग किया जाए जिससे बच्चों का डर खत्म हो। इसके साथ ही बच्चे मैथ्म पढ़ने में अपनी रुचि भी दिखाएं। इस ऐप को बनाने के लिए उन्होंने आईटी प्रोफेशनल्स, टीचर्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस साइंटिस्ट्स से बात की।
कवर किए गणित के कई कंसेप्ट इस ऐप में पहली से लेकर दसवीं कक्षा तक के छात्राओं के लिए बनाया गया है। जिसमें बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी के माध्यम से देखते है कि बच्चों को गणित समझने में किन बातों की समस्या आती है। इस ऐप में गणित के 300 अलग- अलग टॉपिक्स को कवर किया गया है। इतना ही नही बच्चों को गेमिंग स्टाइल के माध्यम से पढ़ाया जाता है ताकि वह मैथ्स समझते समय बोर न हो सके। महिलाओं की टीम चलाती है काम इस ऐप को चलाने के लिए चेन्नई, बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों की 2500 महिलाओं की टीम काम करती है। यह वह महिलाएं है जिन्हें बच्चों की देखभाल के लिए अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी थी। इनका चयन बेसिक मैथ्स टेस्ट लेने के बाद किया गया है। आज देशभर में 600 बी गैलिलियो टीचिंग सेंटर है। यहां पर बच्चों को रोजाना 2 घंटे की ट्रेनिंग दी जाती है।
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