CBSE 10th Board Exam 2020: Basic Math option a hit and Tips for Exam

CBSE 10th Board Exam 2020: Basic Mathematics option a hit and Tips for Exam in New Pattern

CBSE 12th Sample Paper 2020: 12वीं मैथ्स का सैंपल पेपर और नया एग्जाम पैटर्न, जानें अहम टिप्स-

इस आर्टिकल में गणित की तैयारी करने  की टिप्स बताई गई है नए  CBSE Pattern के लिए परन्तु यह सभी विषयों के लिए समान रूप से तथा सभी प्रकार की परीक्षाओं के लिए समान रूप से उपयोगी है। इसके अतिरिक्त CBSE Board में Basic Mathematics भारी संख्या में लेने का सर्वेषण भी दर्शाया गया है तथा Mathematics के नए पैटर्न की जानकारी दी गई है 
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CBSE 10th Board Exam 2020: Basic Math option a hit and Tips for Exam

CBSE 10th Board Exam 2020: Basic Math option a hit and Tips for Exam

1.गणित का पाठ्यक्रम पूरा करें (Complete Mathematics Syllabus)-

गणित का पाठ्यक्रम पूर्ण करें। यह सोच न रखें कि आगे की कक्षाओं में गणित विषय ऐच्छिक विषय के रूप में तो लेना नहीं है इसलिए सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को पूर्ण करने की क्या आवश्यकता है? सिलेक्टेड तैयारी न करके पूर्ण, व्यापक और गहराई से अध्ययन करें किसी भी टाॅपिक को न छोड़ें। याद रखें गणित का आगे आपके जाॅब में कहीं न कहीं उपयोग अवश्य होता है। दूसरा कारण यह है कि जब हम सरल-सरल टाॅपिक या विषय को हल करने की मानसिकता बना लेते हैं तो जीवन में आनेवाली कठिनाईयों का ठीक से सामना नहीं कर पाते हैं और कदम-कदम पर ठोकरें खानी पड़ती है और असफलता का सामना करना पड़ता है। हम अध्ययन काल में जैसी प्रवृत्तियों का निर्माण करेंगे, आगे भविष्य में वैसी ही हमारी कार्यप्रणाली होगी। जैसी नींव होगी भवन भी वैसा ही होगा। अगर नींव मजबूत होगी तो भवन भी टिकाऊ और मजबूत होगा।

2.कठिन विषयों पर अधिक ध्यान केंद्रित करें (Focus more on difficult topics -)--

जो-जो विषय कठिन हैं उन पर अधिक फोकस करें और उनके अध्ययन के लिए अतिरिक्त समय दें। सामान्यतः गणित, विज्ञान, अंग्रेजी विषय विद्यार्थियों को कठिन लगते हैं। इसलिए इन विषयों को अतिरिक्त समय दें। सभी विषयों के साथ बराबर समय देने के अलावा अतिरिक्त समय कठिन विषय को अवश्य दें। इसलिए अपना टाईम टेबिल इस प्रकार बनाए कि कठिन विषयों के लिए अतिरिक्त समय दिया जा सके। यदि आप कठिन विषय को अतिरिक्त समय नहीं देगें तो हो सकता है कि कुछ टाॅपिक याद करने व हल करने से छूट जाएँ। इसलिए इस प्रकार की स्थिति को भाँपकर सत्रारंभ से ही कठिन विषयों पर अधिक फोकस करें और अतिरिक्त समय दें। अतिरिक्त समय में कठिन विषयों के जो-जो टाॅपिक कठिन हैं उनको समझकर बार-बार अभ्यास करें। बार-बार अभ्यास करने से कठिन टाॅपिक पर आपकी पकड़ मजबू हो जाएगी।

3.हर विषय को समय दें (Give time to every topic or Subject)-

परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक विषय को समय दें। ऐसा न सोचें कि यह सरल विषय है इसलिए परीक्षा के समय देख लेगें। याद रखें परीक्षा के एक दो माह आपको पुनरावृति व माॅडल पेपर्स का अभ्यास करने के लिए ही रखना चाहिए। इसलिए शुरू से ही सभी विषयों को अहमियत दें। चाहे थोड़ा समय दें परन्तु नियमित रूप से कुछ समय सरल विषयों को अवश्य दें।

4.खेल-तमाशे व कामुक प्रवृत्तियों से दूर रहें (Stay away from sports and erotic(Sexual) trends)-

खेल तमाशे व कामुक प्रवृत्तियों से दूर रहें। खेल-तमाशे में अपना समय व्यतीत करेंगे तो पाठ्यक्रम को पूर्ण नहीं कर पाएंगें। आधुनिक शिक्षा पद्धति में पाठ्यक्रम का इतना विस्तार हो चुका है कि पूरे सत्र में पूर्ण करने, पुनरावृत्ति करने, माॅडल पेपर्स को हल करने के लिए समय की आवश्यकता होती है इसलिए समय को बिल्कुल भी नष्ट नहीं करना चाहिए समय की कीमत पहचाने। कामुक प्रवृत्तियों में लिप्त होंगे तो अध्ययन में मन नहीं लगेगा, हमारी एकाग्रता भंग हो जाएगी तथा कामुक प्रवृत्ति में रस लेने से धीरे-धीरे उसको क्रियात्मक रूप से करने का मन करेगा। इसलिए भूलकर भी कामुक प्रवृत्तियों में रस न लें। ब्रह्यचर्य का पूर्णरूप से पालन करें। कामुक प्रवृत्तियों में रस लेने से धीरे-धीरे हम दुराचरण की ओर अग्रसर होने लगते हैं और इससे हमारा भविष्य चौपट हो सकता है। विद्यार्थी काल विद्या अध्ययन करने तथा कौशल सीखने का समय होता है इसलिए बेकार की बातों में समय नष्ट न करें और न ही फालतू लोगों के साथ संगत करें, ऐसे लोगों से दूर रहें।

5.माॅडल पेपर्स का अभ्यास करें(Practice model papers )-

परीक्षा के लगभग दो माह पूर्व पाठ्यक्रम की पुनरावृत्ति व माॅडल पेपर्स का अभ्यास प्रारम्भ कर देना चाहिए। माॅडल पेपर्स का अभ्यास करने से आपको यह ज्ञात हो जाएगा कि किस प्रकार के प्रश्न परीक्षा के प्रश्न-पत्र में आते हैं और उनको हल करने में कितना समय लगता है? यदि प्रश्न को हल करने में निर्धारित समय से अधिक लगता है तो उन कारणों को ढूंढें जिनकी वजह से पेपर को हल करने में निर्धारित समय से अधिक लगता है। कारणों को ढूँढकर उनका समाधान करें। माॅडल पेपर्स को हल करने से आपमें आत्म-विश्वास की वृद्धि होगी और आप परीक्षा में प्रश्न-पत्र को आत्म-विश्वास के साथ हल कर पाएंगें, घबराहट नहीं रहेगी।

6.ध्यान व योग करें(Do meditation and yoga)-

अध्ययन के लिए सबसे अधिक आवश्यकता होती है एकाग्रता की, विशेषकर कठिन विषयों जैसे गणित व विज्ञान विषय को हल करने के लिए एकाग्रता की अधिक आवश्यकता होती है। इसलिए मन को एकाग्र करने के लिए नियमित रूप से ध्यान व योग करें जिससे मन एकाग्र तो होगा ही साथ ही स्वस्थ भी रहेंगे। और कहा भी गया है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।

7.रटने के बजाए समझकर याद करें (Remember to memorize instead of rote )--

पुस्तकों, गाइड़ों तथा माॅडल पेपर्स को रटने व कंठस्थ करने के बजाए समझने का प्रयास करें। यदि कोई टाॅपिक आपके समझ में नहीं आ रहा है तो उसे अपने माता-पिता, अभिभावक व भाई-बहनों से समझने का प्रयास करें। यदि माता-पिता, अभिभावक पढ़े-लिखे नहीं है और आपके बड़े भाई-बहन भी पढ़े-लिखे नहीं है या गणित व विज्ञान विषय की जानकारी नहीं रखते हैं तो अपने मित्रों व शिक्षकों से समझने का प्रयास करें या कोचिंग ज्वाइन कर लें। किसी भी टाॅपिक व विषय को समझकर याद व कंठस्थ करें। समझकर याद किया हुआ अधिक स्थायी होता है।

8.परीक्षाकाल में पालन करने योग्य बातें (Things to follow during the exam) --

(1.)परीक्षा के समय बहुत से विद्यार्थी तनावग्रस्त हो जाते हैं। कुछ तो प्रश्न-पत्र का भय तथा कुछ अभिभावकों व माता-पिता के दबाव के कारण विद्यार्थी भयभीत हो जाते हैं। इसलिए परीक्षाकाल में कुछ बातों का ध्यान रखें व उनका पालन करें तो भय व तनाव से मुक्त हो सकते हैं।
(2.)शरीर को पूर्ण विश्राम दें तथा पर्याप्त नींद लें क्योंकि शरीर को पूर्ण विश्राम न देने तथा नींद पूरी न लेने से शरीर में थकान, आलस्य महसूस होता है तथा स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसी स्थिति में परीक्षा की तैयारी ठीक तरह से नहीं हो पाती है। इसके लिए पूर्ण तनावरहित तथा पूरे वर्ष नियमित तैयारी की आवश्यकता होती है।
(3.)मन को शांत व एकाग्र रखें क्योंकि मन अशांत व एकाग्र नहीं होगा तो जो याद किया हुआ होगा उसको भी भूल जाएंगें और परीक्षा प्रश्न-पत्र को खराब कर बैठेंगे जिसका प्रभाव आगे आनेवाले प्रश्न-पत्रों पर भी पड़ेगा।
(4.)अध्ययन करते समय बीच-बीच में थोड़ा आंखें बंद करके अथवा इधर-उधर टहलकर मस्तिष्क को आराम दें। ऐसा करने से अध्ययन किया हुआ पाठ याद रहेगा।
(5.)थोड़ा समय मनोरंजन के लिए भी दिया जाना चाहिए इससे मन हल्का व तरोताजा हो जाता है और दिमाग पुन:अध्ययन करने के लिए तैयार हो जाता है।
(6.)परीक्षाकाल में अध्ययन पूर्ण पाठ्यक्रम का न करके selected तैयारी करनी चाहिए क्योंकि पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन करने के लिए प्रश्न-पत्रों के बीच ज्यादा दिनों का अन्तराल नहीं होने से थोड़े से समय में course पूरा नहीं हो पाता है।
(7.)परीक्षाकाल में स्वयं के द्वारा तैयार किए गए नोट्स का भलीभांति अध्ययन करना चाहिए।
(8.)देर रात तक जागकर पढ़ने के बजाए जल्दी सोकर तथा सुबह जल्दी उठकर अध्ययन करना चाहिए।
(9.)हमेशा नकारात्मक विचार न रखकर सकारात्मक विचार रखना चाहिए। दिमाग में नकारात्मकता को स्थान नहीं देना चाहिए अर्थात् इस प्रकार नहीं सोचना चाहिए कि क्या पता प्रश्न-पत्र कितना कठिन आएगा। मेरे से प्रश्न-पत्र हल नहीं हो पाएगा। मेरा परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं आएगा। मुझसे पढ़ा हुआ याद नहीं होगा इत्यादि।
(10.)कोहाहल, शोर-शराबे की जगह अध्ययन न करके शांत वातावरण व स्थान पर अध्ययन करना चाहिए, अगर ऐसा सम्भव नहीं है तो रात को जल्दी सोकर तथा सुबह जल्दी उठकर अध्ययन करना चाहिए। कितना भी शोरगुल वाला वातावरण हो तो भी सुबह का समय सब जगह शांत वातावरण  रहता है।
(11.)परीक्षा कक्ष में निर्धारित समय से आधा-घंटे पूर्व पहुँच जाना चाहिए। अपने प्रवेश-पत्र, पैन, पेन्सिल इत्यादि को घर से रवाना होने से पूर्व अच्छी तरह जाँच कर लेनी चाहिए।
(12.)माता-पिता को भी ध्यान रखना चाहिए कि बालकों पर परीक्षा का अनावश्यक दबाव न डाले बल्कि बालकों को सहज रूप से परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रोत्साहन दे और आवश्यक सहयोग करें।
(13.)मित्रों तथा सहपाठियों से अनावश्यक वाद-विवाद करने से बचें। अपने समय का सदुपयोग करें क्योंकि परीक्षाकाल में समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। एक-एक क्षण का महत्त्व होता है। समय को व्यर्थ गँवाने से पाठ का अध्ययन छूट सकता है और तनाव का कारण बन सकता है।
(14.)अन्त में परमात्मा पर पूर्ण श्रद्धा व आत्म-विश्वास रखें तथा कुछ समय परमात्मा का ध्यान करें, ऐसा करने से आत्मिक शांति मिलती है, आत्म-विश्वास बढ़ता है और हमारे कार्य में सिद्धि पैदा होती है।

10.New Examination Pattern Of Mathematics

नए एग्‍जाम पैटर्न के हिसाब से पेपर 3 घंटे का होगा। पेपर में 36 सवाल होंगे जो कि चार सेक्‍शन ए, बी, सी, डी में डिवाइड होंगे। सेक्‍शन ए 20 सवालों का होगा और सभी के 1-1 नंबर होंगे।
Updated: 03 Oct 2019
CBSE 12th Maths Sample Paper 2020: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 12वीं की मैथ्‍स के लिए नया एग्‍जाम पैटर्न पेश किया है। इसके मुताबिक, 20 नंबर प्रैक्टिकल या प्रॉजेक्‍ट वर्क होंगे जबकि रिटन एग्‍जाम 100 के बजाए 80 नंबर का होगा। नए एग्‍जाम पैटर्न के हिसाब से पेपर 3 घंटे का होगा। पेपर में 36 सवाल होंगे जो कि चार सेक्‍शन ए, बी, सी, डी में डिवाइड होंगे।
सेक्‍शन ए 20 सवालों का होगा और सभी के 1-1 नंबर होंगे। सेक्‍शन बी 6 सवालों का होगा और सभी के 2 नंबर होंगे। वहीं, सेक्‍शन सी भी 6 सवालों का होगा और सभी के 4 नंबर होंगे जबकि सेक्‍शन डी 4 सवालों का होगा और सभी 6 नंबर होंगे।
मैथ्‍स एग्‍जाम के लिए जरूरी टिप्‍स:
मैथ्‍स की बेसिक जानेंमैथ्‍स की बेसिक को समझना बेहद जरूरी है। अगर आपका बेसिक सही है तो आप किसी भी तरह के सवाल को हल कर लेंगे। ऐसे में इस बात का विशेष ध्‍यान रखें।
सिलेबस पूरा करें
कम से कम एग्‍जाम से दो महीने पहले पूरे सिलेबस को कम्‍प्‍लीट करने पर फोकस करें ताकि आपको रिवीजन और मॉक टेस्‍ट का पर्याप्‍त समय मिले। सिलेबस पूरा सबसे अहम फैक्‍टर है क्‍योंकि कई बार ऐसा होता है कि ऐसे सवाल एग्‍जाम में आ जाते हैं, जिनकी आप उम्‍मीद नहीं करते हैं।
हर दिन कम से कम आधे घंटे मैथ्‍स पर दें
हर दिन कम से कम आधे घंटे मैथ्‍स प्रैक्टिस करें। हर सब्‍जेक्‍ट को पूरा समय देने की जरूरत होती है, ऐसे में अगर आप हर सब्‍जेक्‍ट पर आधे घंटे देते हैं तो आप आराम से हर विषय के पूरे सिलेबस को कम्‍प्‍लीट कर सकेंगे।
जिन टॉपिक्‍स में हों कमजोर, उसमें करें ज्‍यादा प्रयास
उन टॉपिक्‍स या कॉन्‍सेप्‍ट्स पर फोकस करना बेहद जरूरी है जिसमें आप खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। उन टॉपिक्‍स को पढ़ें जो आपके हिसाब से कम इंट्रेस्टिंग हैं और फिर उसे फॉलो करें जिसमें आपकी रुचि है।
मॉक टेस्‍ट सॉल्‍व करें
एग्‍जाम से पहले मैथ्‍स के ज्‍यादा से ज्‍यादा सैंपल पेपर्स को हल करने की कोशिश करें। इससे आपको बोर्ड एग्‍जाम के दौरान टाइम को मैनेज करने में मुश्‍किल नहीं होगी।
सवालों को ध्‍यानपूर्वक पढ़ें
एग्‍जाम के वक्‍त सवाल को समझना बहुत जरूरी है। कई बार सवालों के जवाब सवालों में ही छिपे होते हैं। यही नहीं, कोशिश करें कि आसान सवालों को पहले ही हल कर लें। इससे आपका मोराल बूस्‍ट होगा और आपको कठिन सवालों के लिए ज्‍यादा समय मिल जाएगा।
सीबीएसई 10 वीं बोर्ड परीक्षा 2020: बेसिक गणित एक हिट, स्कूलों में बड़े पैमाने पर नामांकन के रुझान को साझा करता है
शिक्षा
Updated Oct 08, 2019
CBSE 10th Board Exam 2020: Basic Math option a hit and Tips for Exam

CBSE 10th Board Exam 2020: Basic Math option a hit and Tips for Exam

11.सीबीएसई 10 वीं बोर्ड परीक्षा 2020: बेसिक मैथ्स में बड़े नामांकन(CBSE 10th Board Exam 2020: Major Enrollment in Basic Maths)-

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2020 एलओसी दायर किए गए हैं। स्कूलों ने कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में बेसिक मैथ्स के नए शुरू किए गए विकल्प के लिए बड़ी संख्या में छात्रों को चुनने की सूचना दी है। (रिपोर्ट good)।सीबीएसई 10 वीं बोर्ड परीक्षा 2020: बेसिक मैथ्स में बड़े नामांकन
CBSE 10 वीं बोर्ड परीक्षा 2020: बुनियादी गणित में बड़े नामांकन .
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, इस वर्ष से CBSE ने CBSE 10 वीं बोर्ड परीक्षा 2020 के लिए बुनियादी गणित का विकल्प पेश किया है। बोर्ड द्वारा वर्षों से प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखते हुए, बोर्ड ने इस वर्ष एक सरल पेपर चुनने का विकल्प प्रदान किया था उन सभी के लिए गणित जो उच्च माध्यमिक कक्षाओं में विषय जारी नहीं रखना चाहते हैं। स्कूलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, बेसिक गणित का विषय या विकल्प एक बड़े पैमाने पर हिट है।
हालांकि बेसिक गणित के विकल्प के लिए नामांकित छात्रों की सही संख्या ज्ञात नहीं है, कई स्कूलों ने बताया है कि 10 वीं कक्षा के 50% छात्रों ने विकल्प के साथ जाना चुना है। टाइम्स नाउ से बात करते हुए, दिल्ली एनसीआर के एक प्रतिष्ठित स्कूल के एक वरिष्ठ शिक्षक ने गणित से बाहर होने वाले छात्रों के बढ़ते रुझान को इंगित किया।
“बेसिक मैथ्स पसंदीदा विषय थे। यहां तक ​​कि जिन छात्रों को विषय में सच्ची चिंता नहीं थी, उन्होंने बुनियादी गणित के साथ जाना चुना क्योंकि वे निश्चित हैं कि वे 11 वीं और 12 वीं कक्षा में गणित जारी नहीं रखना चाहते हैं। बुनियादी गणित चुनने से यह सुनिश्चित होगा कि उनके पास बोर्ड परीक्षाओं में एक उच्च कुल होगा ! "
एक अन्य शिक्षक ने एक समान प्रवृत्ति का दावा किया। छात्रों और अभिभावकों दोनों ने विषय के मानक गणित संस्करण के बजाय बुनियादी गणित के साथ जाने का अनुरोध किया है। “यह एक दिलकश प्रवृत्ति नहीं है। कई माता-पिता ने बेसिक गणित के लिए कहा है क्योंकि वे मानक गणित की कोशिश करने में सक्षम होंगे जो बच्चा जुलाई कम्पार्टमेंट परीक्षा में चाहता है! ”
विशेषज्ञ परिणाम पर विभाजित हैं। शिक्षकों का एक वर्ग मानता है कि बुनियादी गणित विकल्प गलत मिसाल कायम कर रहा है, जबकि दूसरे का मानना ​​है कि यह देश में बेहतर परीक्षा मानकों की दिशा में एक कदम है। संबंधित: सीबीएसई कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा 2020: विशेषज्ञ बुनियादी और मानक गणित के लिए नमूना पत्रों का विश्लेषण करते हैं - अंतर साझा करते हैं
“मैं छात्रों को पसंद की शक्ति प्रदान करने के विचार के खिलाफ नहीं हूं। हालाँकि, मुझे इस विषय से बाहर निकलने वाले छात्रों की बढ़ी हुई संख्या की चिंता है। एक शिक्षक के रूप में, मैं देख रहा हूँ कि छात्र कोशिश नहीं कर रहे हैं ... यह चिंताजनक है! "एक वरिष्ठ शिक्षक ने कहा।
CBSE 10th Board Exam 2020: Basic Math option a hit and Tips for Exam

CBSE 10th Board Exam 2020: Basic Math option a hit and Tips for Exam

एक अन्य ने स्कूलों पर बेसिक गणित की ओर छात्रों को धकेलने का आरोप लगाया। “जबकि छात्रों या अभिभावकों के साथ बेसिक या स्टैण्डर्ड को चुनने का विकल्प कोई भी प्रयास नहीं है। बेसिक गणित बोर्ड परीक्षाओं में उनके समग्र परिणाम में सुधार करने के लिए उनके लिए एक भगवान की तरह लगता है! ”
इसके विपरीत, कई विशेषज्ञों ने परीक्षा मानकों में सुधार की दिशा में एक कदम के रूप में कदम उठाया है। “बुनियादी गणित का विकल्प देश के समग्र परीक्षा मानकों को बेहतर बनाने की दिशा में एक निश्चित कदम है। इतने लंबे समय से भारत छात्रों की क्षमता को मापने के लिए एक ही यार्डस्टिक का उपयोग कर रहा है। यह पहली बार है जब बोर्ड ने इस तथ्य का संज्ञान लिया है कि सभी बच्चे समान नहीं हैं। बेसिक मैथ्स छात्रों को दूसरों से मेल खाने की कोशिश करने के असीम तनाव से मुक्ति दिलाता है! ”
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2020 फरवरी से शुरू होगी। इस वर्ष से, CBSE ने छात्रों के लिए एक बुनियादी गणित विकल्प लागू किया है। विषय का पाठ्यक्रम समान रहता है। हालाँकि, बेसिक गणित मानक गणित के प्रश्न पत्र से काफी सरल होगा.

12.सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने इस बार कक्षा दसवीं के लिए मैथ्स को इस सेशन से दो लेवल-बेसिक और स्टैंडर्ड में डिवाइड किया है। 

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने इस बार कक्षा दसवीं के लिए मैथ्स को इस सेशन से दो लेवल-बेसिक और स्टैंडर्ड में डिवाइड किया हैबोर्ड ने यह भी कहा है कि स्टैंडर्ड गणित पेपर नहीं देने पर विद्यार्थी कक्षा 11वीं में गणित का चयन नहीं कर सकेंगे। इसकी खासियत हाेगी कि जिन छात्रों को इंटर-मीडिएट में गणित की पढ़ाई करनी है, वह इस सत्र से 10वीं में बेसिक गणित पढ़ेंगे। इससे इंटरमीडिएट में फिजिक्स, केिमस्ट्री व गणित नहीं ले पाएंगे। इस सत्र से 10वीं में स्टैंडर्ड मैथ लेने वाले छात्र ही इंटरमीडिएट में मैथ्स लेकर अागे पढ़ाई कर पाएंगे। एेसा इसलिए किया गया है, क्याेंकि गणित में छात्र अधिक संख्या में फेल हाे रहे थे।  30 सितंबर तक परीक्षा के फॉर्म भरे जाएंगे। इसके बाद ही स्थिति साफ हाे पाएगी। सीबीएसई ने साफ किया कि मैथमेटिक्स का सिलेबस चेंज नहीं हाेगा। सिलेबस एक ही हाेगा, लेकिन दाेनाें के पेपर का डिफिकल्टी लेवल चेंज हाेगा। बेसिक मैथ्स पेपर अासान हाेगा, स्टैंडर्ड मैथ्स पेपर का डिफिकल्टी लेवल हाई हाेगा अाैर कॉन्सेप्ट बेस्ड हाेगा। इसलिए बाेर्ड ने सलाह दी है कि मैथ्स में वीक स्टूडेंट्स बेसिक का ही चयन करें।

13.फोकस के लिए छात्रों की काउंसलिंग भी की गई

सीबीएसई के अनुसार विद्यार्थियाें की काउंसलिंग भी की गई है कि वह स्टैंडर्ड मैथ पर फाेकस रहें, क्याेंकि कंपीटिशन फाइट करने में मैथ्स अहम भूमिका निभाती है। बैंकिंग सेक्टर हाे या फिर एमबीए, इनमें जनरल मैथ्स के सवाल हाेते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार भविष्य के लिए विद्यार्थियाें काे स्टैंडर्ड मैथ पर फाेकस रहना चाहिए। वहीं, दूसरा पहलू यह भी है कि 1 से 8वीं क्लास तक छात्रों काे फेल नहीं किया जा रहा। इसलिए मैथ्स काे दाे हिस्सों में बांट दिया।
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