How to prepare for board exams at the time of exam?
January 10, 2020
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satyam coaching centre
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How to prepare for board exams at the time of examination?
1.बोर्ड परिक्षाओं के लिए परीक्षा के समय तैयारी कैसे करें?(How to prepare for board exams at the time of examination?)-
How to prepare for board exams at the time of exam? |
बोर्ड परीक्षा तिथि ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है विद्यार्थियों की बेचैनी बढ़ती जा रही है।पूरे वर्ष की मेहनत, परीक्षा और परीक्षा के परिणाम पर केंद्रित हो गई है।परीक्षा की तैयारी से संबंधित कई आर्टिकल लिखे जा चुके हैं।इसलिए इस आर्टिकल को पढ़ने से पूर्व उनआर्टिकल्स को पढ़ना फायदेमंद रहेगा। इस आर्टिकल में कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिनके आधार पर परीक्षा की तैयारी करके अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।यह आर्टिकल बोर्ड की परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों जैसे राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड,सीबीएसई सेकेंडरी व सीनियर सैकंडरी के विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद है ही परंतु जो अभ्यर्थी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए भी फायदेमंद साबित होगा।परीक्षा की तैयारी योजनाबद्ध व रणनीति के साथ देंगे तो अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।यहां ऐसे ही कुछ टिप्स बता रहे हैं।परीक्षा में परीक्षा के विषयों को दो भागों में विभाजित कर ले कठिन तथा सरल विषयों में। कठिन विषयों में अक्सर गणित,विज्ञान जैसे विषयों को शामिल किया जाता है जबकि सरल विषयों में हिंदी,सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों को शामिल किया जाता है।सबसे अधिक समय कठिन विषयों को तथा सरल विषयों को कम समय दिया जा सकता है।कठिन विषयों को ज्यादा समय देने का अर्थ यह नहीं है कि आप सरल विषयों को समय न दे।अगर सरल विषयों को समय नहीं देंगे तो उसमें भी आपके कम अंक आ सकते हैं और सरल विषय ही आपके लिए कठिन विषय हो जाएगा।
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गणित तथा अन्य विषयों में एक मूलभूत अंतर यह होता है कि गणित विषय प्रैक्टिकल विषय है जिसके लिए बार-बार अभ्यास की आवश्यकता होती है। सवालों को बार-बार अभ्यास करने से सरल हो जाते हैं।पहले सवालों की थ्योरी को ठीक से समझ लेना चाहिए।थ्योरी को समझने के बाद सूत्रों को एक नोटबुक में लिख लेना चाहिए।जब भी आपको खाली समय मिले,आप सूत्रों को अपनी नोटबुक में लिखे हुए सूत्रों को याद कर ले।बार-बार उनको दोहराएं तो सूत्र याद हो जाएंगे।गणित के अधिकांश सवाल सूत्रों पर ही आधारित हैं।यदि सूत्र याद हैं तो आप आसानी से सवाल को हल कर सकते हैं।पिछली कक्षाओं के सूत्रों को भी लिख लेना चाहिए।सवालों को हल करते समय पिछली कक्षाओं के सूत्रों की भी जरूरत पड़ जाती है।रोजाना गणित को कम से कम 3-4 घंटे देना चाहिए।याद रखें गणित ऐसा विषय है कि यदि आप अच्छा अभ्यास कर लेते हैं तो अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं और गणित आपके प्रतिशत अंकों में वृद्धि कर सकता है। वहीं यदि गणित में आपकी तैयारी कमजोर है और कम अंक आते हैं तो आपके प्रतिशत अंकों को घटा भी सकती है।गणित आप को हीरो बना सकता है और आपको जीरो भी कर सकता है।हीरो यानी आप अच्छे अंक प्राप्त करके अपनी परसन्टेज बढ़ा सकते हैं और जीरो यानी आप उसमें फेल भी हो सकते हैं।Also Read This Article-How to get good marks in Mathematics in board exam?
3.विज्ञान व थ्योरीटिकल विषयों की तैयारी(Preparation of Science and Theory subjects)-
विज्ञान में थ्योरीटिकल विषयों में आपको थ्योरी को समझकर उसके नोट्स बनाने होते हैं।नोट्स बनाने के बाद परीक्षा के समय यानी इस समय आपको नोट्स को बार-बार पढ़कर मॉडल पेपर्स की तैयारी करें।मॉडल पेपर को 3 घंटे से कम समय में हल करने की कोशिश करें।नोट्स आपको दिसंबर तक अवश्य तैयार कर लेने चाहिए।परीक्षा के समय नोट्स बनाने में समझदारी नहीं है।किसी दूसरों के द्वारा तैयार किए गए नोट्स के आधार पर तैयारी न करके ,स्वयं द्वारा तैयार नोट्स से तैयारी करनी चाहिए।यदि आपने नोट्स नहीं बनाए हैं तो दूसरों के बनाए हुए नोट्स की मदद ले सकते हैं।बार-बार नोट्स पढ़ने और मॉडल पेपर्स की तैयारी करके आप थ्योरीटिकल पेपर्स पर अच्छी पकड़ बना सकते हैं।4.कठिन परिश्रम के साथ तैयारी करें(preparation with Work hard)-
विद्यार्थी काल तप और साधना का समय है ,इसलिए ऐशोआराम का जीवन जीने की आकांक्षा न रखकर, कठिन परिश्रम की आदत डालें।आप इस समय में विद्या अर्जित कर लेंगे तो संपूर्ण जीवन आपके लिए सुखद और आनंददायक हो जाएगा।विद्यार्थीकाल में ऐशोआराम की जिंदगी जिएंगे तो संपूर्ण जीवन में कष्ट और दुख उठाना पड़ेगा।कठिन परिश्रम को अपने जीवन का अंग बना लेंगे तो विद्या अर्जित कर पाएंगे।विद्यार्जन कठोर परिश्रम,लगन,उत्साह से ही अर्जित की जा सकती है।कई विद्यार्थियों की आदत होती है कि वे अपने माता-पिता,अभिभावकों से सुख-सुविधाओं की मांग करते रहते हैं।एक सुख-सुविधा पूरी कर दी जाती है तो फिर अगली डिमांड रख देते हैं।5.नियमित व सतत अध्ययन करें (Study regularly)-
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सतत व नियमित रूप से अध्ययन करेंगे तो याद किया हुआ पाठ ठीक से याद रहेगा क्योंकि नियमित अध्ययन से याद किए हुए पाठ की पुनरावृत्ति होती रहती है।विद्या तब तक ही याद रहती है जब तक हम उसकी पुनरावृत्ति करते रहते हैं।नियमित रूप से अध्ययन करने का दूसरा फायदा यह है कि आपके पास समय की कमी नहीं रहेगी।कुछ विद्यार्थियों की आदत होती है कि वह सालभर तैयारी नहीं करते हैं,मस्ती करते रहते हैं और परीक्षा के समय तैयारी करते हैं। इससे उनके दिमाग पर प्रेशर पड़ता है और वे तनावग्रस्त हो जाते हैं।जो पढ़ते हैं ,उसे भूल जाते हैं,पढ़ा हुआ ठीक से याद नहीं रहता है।इसलिए नियमित व सतत अध्ययन करेंगे तो इसका लाभ आप को अवश्य मिलेगा।
6.मनोरंजन के लिए भी समय दें(Make time for entertainment)-
हमेशा पढ़ते ही नहीं रहे बल्कि कुछ समय मनोरंजन के लिए भी दें जिससे आपका दिमाग फ्रेश रहेगा।दिमाग पर तनाव हावी नहीं रहेगा।मनोरंजन के लिए आप संगीत,भजन सुन सकते हैं अथवा टीवी का कोई मनोरंजक कार्यक्रम देख सकते हैं। सतत व निरंतर पढ़ने के लिए आपको कहने का मतलब यह नहीं है कि हम आपको पढ़ाकू बनाना चाहते हैं। मनोरंजन से आपका दिमाग तो फ्रेश होगा ही साथ ही आपको कुछ व्यावहारिक ज्ञान भी होगा।घर-परिवार के सदस्यों के साथ बैठने से मेलजोल की भावना बढ़ेगी।पढ़ते समय भी बीच-बीच में डीप ब्रेथ करें। कुछ क्षणों के लिए पलकों को बंद करके दिमाग में कोई भी विचार न आने दे इससे आप रिफ्रेश हो जाएंगे।Also Read This Article-How to make mathematics interesting and simple?
7.कठिन विषय पर मित्रों के साथ वार्ता करें(Talk with friends on a difficult topic)-
जो टॉपिक आपको कठिन प्रतीत होते हैं उन टॉपिक पर आप अपने मित्रों से वार्ता करें।वार्तालाप करने से कठिन टाॅपिक की समस्या का हल होता है ।जो बात उस टाॅपिक में आपको नहीं आती है,हो सकता है आपके मित्रों को आती हो,कभी कभी नहीं भी आती है तो भी वार्ता करने से क्यों,कैसे जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो कठिन टॉपिक की गुत्थीयां सुलझ जाती है।वार्ता से कठिन से कठिन टाॅपिक की गुत्थियां सुलझती है।8.लक्ष्य पर नजर रखें(Keep an eye on the target)-
हमेशा अपने लक्ष्य अर्थात अध्ययन पर फोकस रखें। फालतू कार्यों जैसे मटर गस्ती करना,गप्पे हांकना,बेवजह इधर-उधर घूमना और अपने समय को नष्ट करना जैसे कार्य न करें।इन कार्यों से आपका समय तो बर्बाद होता ही है साथ ही आपकी बौद्धिक क्षमता भी कम होती है।बुद्धि तभी विकसित होती है जब हम सही दिशा में अर्थात अध्ययन के विषय में बुद्धि को लगाते हैं।अपने विषय से संबंधित टॉपिक पर मनन,चिंतन करते हैं।9.स्वयं का मूल्यांकन स्वयं करें(Rate yourself)-
अध्ययन करते समय बीच-बीच में जो टॉपिक आपने याद किए हैं उनका मूल्यांकन करते रहें।यदि मूल्यांकन नहीं करेंगे तो आपके अध्ययन पद्धति व तौर-तरीकों में कैसे सुधार करेंगे।आप अपने आपका खुद मूल्यांकन करें और जहां कमी दिखाई देती है, उसे सुधारे।निरंतर सुधार करते रहेंगे तो आपकी विषय पर अच्छी पकड़ हो जाएगी। मूल्यांकन से हम किस स्टेज पर तथा कैसी हमारी तैयारी है इसका पता लगा सकते हैं। केवल पढ़ते रहने से ही आप में सुधार नहीं हो सकता है।10.ध्यान व योग करें(Meditate and do yoga)-
रोजाना नियमित रूप से ध्यान व योग करें।ध्यान व योग से आपमें शक्ति व ऊर्जा का भण्डार एकत्रित होता है।परीक्षा के समय विद्यार्थी परीक्षा को लेकर तनावग्रस्त हो जाते हैं ।इसलिए तनाव से बचने के लिए ध्यान व योग नियमित रूप से करना चाहिए। स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे तो बीमार नहीं पड़ेंगे अन्यथा बीमार पड़ सकते हैं और आपकी पूरे साल की मेहनत पर पानी फिर सकता है। इसलिए रोजाना जल्दी उठकर ध्यान और योग करें ।ध्यान और योग से आप पर तनाव हावी नहीं रहेगा ।इससे आप शांत रहेंगे तथा एक अलौकिक आनंद की अनुभूति होती है। नित्य प्रति सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर आसन,प्राणायाम और ध्यान करें ।ध्यान में ऐसी अलौकिक शक्ति है कि आपकी सारी बिखरी हुई विचार प्रक्रिया को इकट्ठे कर देता है जैसे आतिशी शीशा सूर्य की किरणों को इकट्ठी कर देता है और उसमें ऐसी शक्ति उत्पन्न हो जाती है कि कागज वगैरह में अग्नि उत्पन्न कर देता है ।ठीक उसी प्रकार ध्यान व योग करने से मनुष्य की विचार प्रणाली को एकाग्रचित्त कर देता है।महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग की ऐसी विधि मानव मात्र के कल्याण के लिए बताई है जिससे किसी भी संप्रदाय का व्यक्ति लाभ उठा सकता है। अष्टांग योग के आठ अंग है ।यम-(अहिंसा,सत्य,अस्तेय,ब्रह्मचर्य,अपरिग्रह), नियम-(शौच,संतोष,तप,स्वाध्याय, परमात्मा की भक्ति), आसन,प्राणायाम,प्रत्याहार,ध्यान,धारणा,समाधि।इनमें प्रथम पांच बहिरंग साधन तथा अंतिम तीन अंतरंग साधन है। यम निषेधात्मक है तथा नियम सकारात्मक हैं।विद्यार्थीकाल तप व साधना का काल है। जो विद्यार्थी विद्यार्थी काल को ऐशो आराम में व्यतीत करता है वह विद्यार्जन नहीं कर सकता है क्योंकि विद्यार्जन करने के लिए तप व साधना करने की आवश्यकता है।तप व साधना से मनुष्य में जो विकार होते हैं उनका शोधन होता है ।ध्यान व योग हमारे अध्ययन के लिए तो उपयोगी है ही इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। इस प्रकार यह वर्तमान जीवन तथा आगामी जीवन दोनों के लिए उपयोगी है।मस्तिष्क पर अत्यधिक दबाव डालने से तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है अतःतनाव से बचने के लिए रोजाना सुबह ध्यान व योग करें ।शरीर स्वस्थ रहेगा तो ही आप समर्पित होकर गणित जैसे विषय की तैयारी कर सकेंगे। ध्यान करने के लिए सुखासन में बैठकर आंखें बंद करके शरीर को बिल्कुल विश्राम की अवस्था में रखकर प्रकाश ज्योति का ध्यान करें। दूसरा तरीका यह है कि दोनों भोंहो (भ्रुमध्य) अर्थात्आज्ञा चक्र में मन को एकाग्र करने की कोशिश करें ।तीसरा तरीका यह है कि दीपक की ज्योति का ध्यान करें ।शुरु शुरु में थोड़ा उच्चाटन होगा ।मन इधर-उधर भटकेगा लेकिन बार-बार अभ्यास करते रहें ।मन में फालतू, दुनियादारी के विचार आए तो उनको कंपनी न दें। बार-बार उच्चाटन होने से हो सकता है कि आप ध्यान करना छोड़ दें और यह सोचे कि ऐसा करना हमारे बस में नहीं है।हताश न हों, धैर्य रखें। इसलिए मन को एकाग्र करने अर्थात् ध्यान करने के साथ-साथ आपको धैर्य भी रखना चाहिए ।ध्यान और धैर्य दोनों का होना जरूरी है ।जब मन एकाग्र होने लगेगा तो आपको पढ़ा हुआ ठीक से याद रहेगा। पढ़ने में भी मन लगेगा।
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