Kashreen Baig Prepared Mathematics Lab at Zero Investment
December 30, 2019
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Kashreen Baig Prepared Mathematics Lab at Zero Investment
1.कैशरीन बेग ने शून्य निवेश पर तैयार किया गणित का लैब(Kashreen Baig Prepared Mathematics Lab at Zero Investment)-
Kashreen Baig Prepared Mathematics Lab at Zero Investment |
इस आर्टिकल में एक ऐसी राष्ट्रीय ट्रेनर के बारे में परिचय करा रहे हैं जिन्होंने शून्य निवेश पर गणित की प्रयोगशाला तैयार करके एक नया आईडिया दिया है। इस राष्ट्रीय ट्रेनर का नाम है कैशरीन बेग।जो व्यक्ति यह समझते हैं कि गणित शिक्षा जन्मजात प्रवृत्ति होती है तथा प्रशिक्षण से कोई फर्क नहीं पड़ता है उनके लिए यह उदाहरण है,यही क्या अनेक ऐसे उदाहरण हमने प्रस्तुत किए हैं।जन्मजात प्रवृत्ति को नकारा नहीं जा सकता है परंतु जब तक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया जाता है तब तक जन्मजात प्रवृत्ति सुप्त ही रहती है। दूसरा जिनमें जन्मजात प्रवृत्ति होती है , वे कठोर साधना व तप के बल पर कोई भी विद्या,हुनरऔर कौशल सीख सकते हैं।कैशरीन बेग बच्चों को गणित पढ़ाने के लिए जीविकोपार्जन हेतु कोई न कोई हुनर बच्चों को सिखाती है जिसे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद युवा बेरोजगार होकर दर-दर की ठोकरें खाते हुए इधर-उधर फिरते न रहें। सरकारी या गैर सरकारी नौकरी ना मिलने पर भी ऐसे बच्चे अकर्मण्य नहीं रहते हैं बल्कि अपना जीवनव्यापन आसानी से कर सकते हैं। यदि नौकरी मिल भी जाती है तो भी हाथ का सीखा हुआ हुनर कभी व्यर्थ नहीं जाता है। ऐसे हुनर का उपयोग घर के छोटे-मोटे कार्यों को सुधारने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी को भी सिखाया जा सकता है। गणित शिक्षा के साथ बेसिक नॉलेज होना भी आवश्यक है। केवल सैद्धांतिक ज्ञान अर्जित करने से ही बालक युवा होकर बेरोजगार हो जाते हैं । सैद्धांतिक शिक्षा अर्जित करने से सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि एक तो उसमें इतना धन खर्च कर दिया जाता है कि माता-पिता की कमर टूट जाती है। दूसरा नुकसान यह है कि युवाओं का समय बर्बाद हो जाता है।
Also Read This Article-Claim: Sarji Solved Math's 160 Year Old Questionगणित शिक्षक कैशरीन बेग द्वारा बच्चों को गणित शिक्षा के साथ इस प्रकार का कोई न कोई हुनर सीखाना प्रशंसनीय है।इस प्रकार की सोच, कार्यप्रणाली तथा नवाचार से बालकों में गणित शिक्षा तथा शिक्षा के प्रति रुचि व जिज्ञासा जागृत होगी ।वे उमंग और उत्साह के साथ शिक्षा अर्जित करेंगे।साथ ही उनके मन में बेरोजगार होने की चिंता नहीं सताएगी ।गणित केवल कल्पना,चिंतन तथा मनन करने का ही विषय नहीं है बल्कि वास्तविक गणित शिक्षा वह है जो बच्चों को जीवन जीना सीखाती है , जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करना सीखाती है। सबसे बढ़िया बात तो यह है कि बिना किसी निवेश के गणित की प्रयोगशाला तैयार करके इस तरह के हुनर सीखाएं जा रहे हैं। वरना एक प्रयोगशाला तैयार करने में ही लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं।श्रीमती केसरी बेग द्वारा इस प्रकार के नवाचार की नींव लगाना समयोचित तो है ही परंतु इनको पुरस्कृत भी किया जाना चाहिए जिससे ऐसे कार्यों को करने का बढ़ावा मिले। हालांकि ब्लॉक स्तर पर शिक्षक अवार्ड से नवाजा गया है परंतु उनका कार्य ऐसा है जो मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाना चाहिए ताकि अन्य गणित शिक्षकों तथा शिक्षकों को भी प्रेरणा मिल सके।
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दरअसल ऐसे कार्य तभी सम्पन्न किए जाते हैं जब शिक्षक समर्पित भाव के साथ साथ कुछ नया करने का विचार रखते हैं। कुछ नया व बेहतर करने की ललक ही ऐसे कार्यों को करने की प्रेरणा देती है।
हम बार-बार गणित शिक्षा के बारे में ऐसे आर्टिकल पोस्ट करते रहते हैं कि गणित शिक्षा केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं है बल्कि गणित का व्यावहारिक रूप से उपयोग किया जा सकता है। व्यावहारिक रूप से , जीवन के साथ संबंध जोड़ने से गणित उपयोगी साबित हो सकती हैं।जो बच्चे गणित के डर से दूर भागते हैं वे रुचि पूर्वक ,लग्न व उत्साह के साथ गणित को पढ़ेंगे ।गणित को प्रयोग करके सीखने पर ही वास्तविक रूप में अधिक फलदाई होगी। साथ ही अधिक से अधिक बच्चों व लोगों तक पहुंच बढ़ानी है तो गणित को प्रयोग करके सीखने पर बल दिया जाना चाहिए।
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2.शून्य निवेश पर तैयार किया गणित का लैब, राष्ट्रीय ट्रेनर दे रहीं फ्री में प्रशिक्षण(Mathematics lab prepared at zero investment, National trainer giving free training)-
Dec 22, 2019
Kashreen Baig Prepared Mathematics Lab at Zero Investment |
गणित विषय के कठिन शब्दों का प्रयोग कर यहां बेहतर ढंग से समझते हैं। यहां 8 साल से पदस्थ शिक्षक बच्चों को गणित विषय पढ़ाने के अलावा हस्तकला, व्यवसायिक शिक्षा का प्रशिक्षण नि:शुल्क दे रही हैं, ताकि आने वाले समय में बच्चों को नौकरी न मिलने की स्थिति में भी लाभ मिल सके। हाथ की कला से ही वे जीविकोपार्जन कर सके। स्कूल में पेपर बैग, कपड़े के बैग, कबाड़ से जुगाड़, मोमबत्ती, गुलदस्ता, पेटिंग, ग्लास, मास्क, लिफाफा, कढ़ाई बनाने के लिए बच्चों को प्रेरित करती है, ताकि कोई बेरोजगार न रहे।
कबाड़ से जुगाड़ कर ऐसे तैयार की गई प्रयोगशाला: खराब डस्टर, कागज, कार्ड बोर्ड, लोहे से लेकर लकड़ी से बनी सामग्री का उपयोग प्रयोगशाला तैयार करने में की। यहां ब्लैक बोर्ड है। जिसका उपयोग सुक्ति, सूत्र लिखने के लिए किया जाता है।
(2.) यह है उद्देश्य:
बच्चों में हस्तकला विकसित करना, व्यर्थ सामानों को उपयोगी बनाकर उसका सदुपयाेग करना, जैसे प्रमेय, वृत्त आदि कठिन अभ्यास को प्रयोगशाला में करने पर आसानी से समझ आता है।
इसका लाभ बच्चों को परीक्षा में मिलता है।
(3.) कल्पना से अच्छा प्रयाेग करके समझें, मेरे साथ बच्चे भी आगे बढ़े:
कैशरीन बेग कहती हैं कि मेरे साथ बच्चे भी आगे बढ़े। इसी उद्देश्य व साेच से नवाचार कर रही हूं। बिना पैसे के ही व्यर्थ चीजों का उपयोग कर बच्चों को नया सिखाने, आइडिया देने के लिए प्रयोगशाला तैयार की हूं। इसका लाभ भी बच्चों को मिल रहा है। आगे भी मिलेगा। ब्लैक बोर्ड का उपयोग कम कर प्रैक्ट्रिकल से ही बच्चों को ज्यादा सिखाने व समझने को मिलता है।
सबसे पहले शिक्षा के अलावा बेसिक नॉलेज भी जरुरी है। जो आगे बच्चों के ही काम आए। कल्पना से अच्छा बच्चे प्रयाेग कर बेहतर ढंग से समझे।
(4.) बच्चों ने कहा- नया सीखने को मिल रहा:
कक्षा 10वीं की लीना यादव, योगेश्वरी, कक्ष 9वीं की मुस्कान, अमिषा ने कहा कि गणित प्रयोगशाला में नया सीखने को मिल रहा है।
हस्तकला की चीजें, गणित में उपयोग होने वाली उपकरण सहित नया आइडिया मिल रहा है। प्रमेय इतना रहते है इसे हम पाठ्यपुस्तक से सिर्फ समझते हैं और कल्पना करते हैं। त्रिभुज है, 90 अंश का कोण बनना है तो कल्पना करने के बजाय प्रयोग ही कर लेते हैं।
(5.)कॅरियर बनाने की पहल:
हस्तकला व व्यवसायिक कोर्स में विद्यार्थी ले रहे रुचि बालोद बच्चों को वृत्त के संबंध में जानकारी देतीं कैशरीन बेग।
उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार मिल चुका
नवाचार व बच्चों के प्रति समर्पित भावना से कार्य करने पर इस साल शिक्षक दिवस पर ब्लॉक स्तर पर उत्कृष्ट शिक्षक का अवार्ड मिला। जिला सहित देश के दूसरे राज्यों गुजरात, केरल सहित उत्तर, दक्षिण भारत के राज्यों में प्रशिक्षण देने आमंत्रित की जाती है। राष्ट्रीय स्तर की हस्तकला एवं व्यवसायिक शिक्षा की ट्रेनर हैं। स्काउटिंग के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका रहती है। 8 बच्चों को राज्य पुरस्कार मिल चुका है। रेंजर कोर्स में प्री एएलटी रेंजर लीडर है। जिले की प्रथम प्री एएलटी की उपलब्धि भी प्राप्त है। शासन की योजनाएं पौधरोपण, सोखता निर्माण, डेंगू उन्मूलन कार्यक्रम में भी सहभागिता दे रही है। ताकि छात्र सामाजिक स्तर पर भी अपनी जिम्मेदारी समझ सकें।
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