Students of 11th and 12th will Now be Able to Study Online

Students of 11th and 12th will Now be Able to Study Online

1.11वीं, 12वीं के छात्र अब ऑनलाइन कर सकेंगे पढ़ाई का परिचय(Introduction to Students of 11th, 12th will now be able to study online) - 

Students of 11th and 12th will Now be Able to Study Online
Students of 11th and 12th will Now be Able to Study online 
ज्यों-ज्यों तकनीकी का विकास होता जा रहा है, शिक्षा में भी उसके अनुसार परिवर्तन किए जा रहे है। नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। पुराने विचार जा रहे हैं उनके स्थान पर नए-नए विचार व प्रयोग आ रहे हैं। जल स्थिर रहेगा तो सड़ेगा, बहता रहेगा तो जल शुद्ध रहेगा । वास्तविक शिक्षा वही है जिसमें गतिशीलता, परिवर्तनशीलता और नवीनता हो। यों आनलाईन कोर्सेज तो थे। आप कोई सी भी प्रतियोगिता परीक्षा देना चाहें तो उसके आनलाईन कोर्सेज उपलब्ध हो जाएंगें। अब बोर्ड की कक्षाएं भी आनलाईन होने जा रही है । आनलाईन कोर्सेज के अपने फायदे हैं तो नुकसान भी हैं ।मेन्युअल शिक्षा का विकल्प आनलाईन शिक्षा नहीं ले सकती है। हां इसे मेन्युअल शिक्षा के पूरक के रूप में प्रयोग किया जाए तो बेहतर है। आनलाईन शिक्षा से बोरियत नहीं होगी, नवीनता होने से बच्चे रूचिपूर्वक पढ़ने का प्रयास करेंगे। एक ही प्रकार की शिक्षा पद्धति से बच्चे बोरियत महसूस करने लगते हैं। ऐसे स्थिति में विद्यार्थियों की आनलाईन शिक्षा में उत्सुकता रहने से इसका फायदा मिलेगा। आनलाईन शिक्षा पाश्चात्य देशों में तो पहले ही प्रारम्भ कर दी गई थी। भारत में आनलाईन शिक्षा का प्रारम्भ कुछ समय पूर्व से ही प्रारम्भ किया गया है ।विद्यार्थियों को इससे यह फायदा होगा कि शिक्षक बार-बार छुट्टियाँ कर लेते थे और कोर्स पूरा होने में पूरा वर्ष लग जाता था उतना समय आनलाईन से नहीं लगेगा। आनलाईन शिक्षा अर्जित करने में विद्यार्थियों को थोड़ा समय तो लगेगा परन्तु आनलाईन शिक्षा से विद्यार्थी आधुनिक युग के साथ चल सकेंगे। होनहार तथा प्रखर बुद्धि वाले बालकों को इससे कोई परेशानी नहीं होगी परन्तु जो विद्यार्थी कमजोर हैं तथा जो किसी बात को देर से सीखते हैं उनको आनलाईन शिक्षा से परेशानी हो सकती है ।फिलहाल एनसीईआरटी द्वारा कुछ चुने हुए विषयों के लिए आनलाईन सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है  हमारे विचार से शिक्षा में ऐसे प्रगतिशील और नवीन विचारों का स्वागत करना चाहिए ताकि भारत के विकास की दर तेजी से आगे बढ़े। विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा होने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी व विज्ञान जैसे क्षेत्रों में नए-नए अनुसंधान करने होंगे ।केवल विकसित देशों की नकल करने से हम उनकी श्रेणी में खड़े नहीं हो सकते हैं । हमें खुद अपने आप पर विश्वास करना होगा और आत्मनिर्भर होना होगा। हमारे अपने देश व परिस्थितियों के अनुकूल शिक्षा में बदलाव करने होंगे तभी सच्चे मायने में हम आगे बढ़ सकते हैं।
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    2.11वीं, 12वीं के छात्र अब ऑनलाइन कर सकेंगे पढ़ाई(Students of 11th, 12th will now be able to study online) - 


    Updated Tue, 29 Oct 2019 

    कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राओं के लिए राहत भर खबर है। अगर स्कूल में आपको एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाया जाता है तो अब आपकी ऑनलाइन कक्षाएं भी चलेंगी। यह कक्षाएं मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (मूक) के जरिए चलाई जाएंगी। यह कोर्स एनसीईआरटी ने तैयार किया है। मानव संसाधन मंत्रालय ने ऑनलाइन कोर्स को अपलोड किया है।

    मूक के जरिए दो हजार से अधिक ऑनलाइन कोर्स शुरू किए जा चुके हैं। अभी तक इस कोर्स का फायदा केवल इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट के छात्रों को होता था। अब इसे स्कूली शिक्षा में भी लागू किया जा रहा है। एनसीईआरटी के ज्वाइंट डायरेक्टर प्रो. अमरेंद्र प्रसाद बेहरा की ओर से स्कूलों को आदेश जारी हो गए हैं। नोटिफिकेशन के मुताबिक, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मूक पोर्टल पर 11वीं और 12वीं के छात्र ऑनलाइन वीडियो कोर्स का अध्ययन कर सकते हैं।
    इन पांच कोर्स को किया तैयार
    फिरोजाबाद। एनसीईआरटी ने अभी 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए 23 कोर्स तैयार कर लिए हैं। इनमें अकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडीज, बायोलॉजी, केमिस्ट्री, इकोनॉमिक्स, जियोग्राफी ,मैथमेटिक्स, फिजिक्स, साइकोलॉजी, फूड एंड न्यूटिशन, सोशियोलॉजी आदि विषय महत्वपूर्ण हैं। पांच कोर्स शिक्षकों के लिए भी तैयार किए गए है। इन सभी कोर्स को एनसीईआरटी ने अपने ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब पर भी शेयर किए हैं।

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