German Students are Falling Behind in Science, Mathematics

German Students are Falling Behind in Science, Mathematics

1.जर्मन छात्र विज्ञान, गणित में पिछड़ते जा रहे हैं का परिचय Introduction to German Students are Falling Behind in Science, Mathematics)-

German Students are Falling Behind in Science, Mathematics

German Students are Falling Behind in Science, Mathematics

इस आर्टिकल में बताया गया है कि विद्यार्थी जर्मनी में गणित व विज्ञान में पिछड़ते जा रहे हैं। विद्यार्थी पिछले सालों की तुलना में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं जितना पिछले सालों में कर रहे थे। विद्यार्थियों में प्रदर्शन में  गिरावट का परीक्षण किया गया तो पाया गया है कि इसका कारण उन विद्यार्थियों में सकारात्मकता का अभाव पाया गया अर्थात् इन विषयों के प्रति नकारात्मकता पाई गई।
सकारात्मकता गणित व विज्ञान जैसे विषयों के लिए आवश्यक है। गणित व विज्ञान विषय अपेक्षाकृत अन्य विषयों की तुलना में कठिन लगते हैं। इन विषयों को पढ़ाने वाले योग्य शिक्षकों का अभाव है। सबसे मूल कारण है कि नैतिक व आध्यात्मिक विषयों से बिल्कुल कट जाते हैं तो जीवन में नकारात्मकता का प्रवेश हो जाता है। आध्यात्मिकता से हमारे जीवन में सकारात्मकता आती है। सकारात्मकता का अर्थ है कि हमेशा किसी भी घटना के अच्छे पहलू को देखना और ग्रहण करना व उसका अनुसरण करना तथा नकारात्मक परिणाम के लिए अपने आपको तैयार रखना। इसका अर्थ यह नहीं है कि अन्याय व अत्याचार को सहन करना व उसका विरोध न करना।
मनुष्य में दोनों प्रकार की बातें अर्थात् अच्छाई व बुराई पाई जाती है। हम जिस पक्ष को विकसित करना चाहे उसी पक्ष को विकसित कर सकते हैं। विद्यार्थियों के सामने कठिनाइयां  और परेशानियां आती है तो विद्यार्थी उसका समाधान निकालने का प्रयास करता है परन्तु कुछ या बहुत सी समस्याएं वह स्वयं हल नहीं कर पाता है जिसके लिए उसे मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यदि शिक्षक योग्य तथा सदाचार से युक्त होगा तो विद्यार्थियों के सकारात्मक पक्ष को विकसित करने का प्रयास करेगा। गणित, विज्ञान जैसे विषयों के लिए योग्य व सदाचारयुक्त शिक्षक की इसलिए भी आवश्यकता होती है कि गणित व विज्ञान कथा-कहानियों की तरह नहीं है जिसे स्वयं पढ़ा जा सके। गणित को पढ़ाने के लिए गणित में रुचि व जिज्ञासा जाग्रत करनी होती है। किसी भी विषय में रुचि व जिज्ञासा तभी जाग्रत होती है जबकि उस विषय में आनेवाली समस्याओं का समाधान उचित समय पर मिलता रहे। दूसरा तरीका है कि उस विषय का हमारे जीवन में कितना महत्त्व है। यदि गणित का हमारे जीवन में महत्त्व समझ में आ जाए तो गणित में रुचि व जिज्ञासा होगी और उसमें अधिक परिश्रम करने का प्रयास करेंगे। तीसरा तरीका है कि गणित विषय का हमारे जाॅब से कितना सम्बन्ध है अर्थात् गणित के द्वारा हमें व्यवसाय चुनने में मदद मिलती है तो भी गणित विषय में रुचि व जिज्ञासा जाग्रत होगी। चौथा तरीका है यदि गणित को ही हम अपना कार्यक्षेत्र चुन लें। पाँचवा तरीका है कि सामान्य लोगों का Trend किस विषय की ओर है तब भी हमारी रुचि व जिज्ञासा बढ़ती है। इन तरीकों से हमें गणित में सकारात्मकता दिखाई देने लगती है।

2.गणित के शिक्षकों द्वारा अवहेलना(Override by Mathematics Teachers) -

गणित विषय में पिछड़ने का एक कारण यह है कि शिक्षक विद्यार्थियों की गणित की प्रतिभा को निखारने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं। वे विद्यार्थियों को परम्परागत तरीके से पढ़ाते हैं। जो शिक्षक कर्मठ, चरित्रवान होते हैं वे विद्यार्थियों में जिस प्रकार की प्रतिभा होती है उसको पहचानकर निखारते हैं। वे अध्यापन को मात्र व्यवसाय न समझकर उसे पूजा व यज्ञ कार्य समझते हैं। ऐसे शिक्षकों के विद्यार्थी शिक्षकों, माता-पिता, समाज व राष्ट्र का यश फैलाते हैं। इस प्रकार के शिक्षक कदम-कदम पर उनकों सही दिशा देते हैं जिसे वे आगे जाकर होनहार, प्रतिभावान बनते हैं। इसलिए अध्यापन व्यवसाय में ऐसे शिक्षकों का ही चयन करना चाहिए जिनकी अध्यापन में रुचि हो तथा अभ्यर्थियों को भी चाहिए कि अध्यापन व्यवसाय का तभी चुनाव करें जबकि अध्यापन में उनकी रुचि हो।
जर्मनी में ही नहीं सभी देशों में गणित व विज्ञान में पिछड़ सकते हैं। इसलिए गणित विषय में विद्यार्थियों के पिछड़ने के कारणों का पता लगाकर उसे दूर करना चाहिए। हमारे विचार से गणित व विज्ञान में पिछड़ने कारण हो सकते - विद्यार्थियों का गणित में रूझान न होना, तकनीकी व कम्प्यूटर के विकास के कारण प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का रुझान कम्प्यूटर साइंस की ओर होना,विद्यार्थियों की गणित सम्बन्धी समस्याओं का हल न हो पाना, शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों की गणित सम्बन्धी समस्याओं को हल न कर पाना या हल करने में दिलचस्पी न लेना। अभिभावकों, माता-पिता व शिक्षकों का गणित सम्बन्धी प्रतिभा के प्रति सचेत न रहना तथा उनकी प्रतिभा व योग्यता को निखारने में सहयोग न देना। इससे विद्यार्थियों में सकारात्मकता के बजाए नकारात्मकता का प्रवेश हो जाता है और विद्यार्थी गणित व विज्ञान में पिछड़ता जाता है। यदि इन कारणों को दूर कर दिया जाए तो कोई कारण नहीं है कि गणित में विद्यार्थी पिछड़ते जाएगें।
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3.जर्मन छात्र विज्ञान, गणित में पिछड़ते जा रहे हैं(German Students are Falling Behind in Science, Mathematics)-

German Students are Falling Behind in Science, Mathematics

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एक नए अध्ययन के अनुसार, जर्मनी में छात्र 2012 में गणित और विज्ञान में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। पूर्वी राज्यों में नकारात्मक प्रवृत्ति सबसे अधिक दिखाई दी।
एक मेज पर अध्ययन कर रहे छात्र
जर्मनी भर में नौवीं कक्षा के छात्रों (आमतौर पर 14- और 15 साल के बच्चों) के एक अध्ययन ने 2012 और 2018 के बीच गणित और प्राकृतिक विज्ञान के स्कोर में एक उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की है।
1,460 स्कूलों के लगभग 45,000 छात्र सर्वेक्षण का हिस्सा थे, जो शुक्रवार को बर्लिन में इंस्टीट्यूट फॉर क्वालिटी डेवलपमेंट इन एजुकेशन (IQB) द्वारा जारी किया गया था।
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IQB ने उल्लेख किया कि यद्यपि 2018 के लिए समग्र परिणाम स्थिर थे, गणित, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और भौतिकी में "प्रतिकूल प्रवृत्ति" थी। इसने कहा कि प्रदर्शन में गिरावट ज्यादातर राज्यों में स्पष्ट थी, लेकिन विशेष रूप से देश के पूर्व में उन लोगों को प्रभावित किया।
"हमने शायद ही कोई सकारात्मक रुझान दर्ज किया है," IQB के पेट्रा स्टैनट ने कहा, जिन्होंने अध्ययन का नेतृत्व किया।
शोधकर्ताओं ने कहा कि ब्रैंडेनबर्ग, सैक्सनी-एनामल, मेक्लेनबर्ग वेस्टर्न-पोमेरानिया, राइनलैंड-पैलेटिन और स्लेसविग-होल्स्टीन के राज्यों में विद्यार्थियों ने देश के अन्य हिस्सों की तुलना में खराब प्रदर्शन किया।
मैथ्स में 25% अंडरपरफॉर्मिंग
अध्ययन में पाया गया कि पिछले साल हर चार नौवीं कक्षा के छात्रों में से एक मिडिल स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र (एमएसए) के लिए आवश्यक न्यूनतम गणित स्तर तक पहुंचने में विफल रहा। लेकिन लगभग 45% उच्च नियामक मानक बनाने में कामयाब रहे।
जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिकी में, 5-17% छात्र न्यूनतम मानक तक पहुंचने में विफल रहे।
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पांच पूर्व पूर्व जर्मन राज्यों ने 2012 में गणित और विज्ञान में शीर्ष अंक हासिल किए थे, लेकिन वहां का मानक तब से अधिक गिरा है, या ऊपर है, राष्ट्रीय औसत - सक्सोनी के अपवाद के साथ।
अध्ययन के अनुसार, पूर्वी राज्य, दक्षिण में बावरिया के साथ, देश के अन्य हिस्सों की तुलना में उच्च-प्राप्त गणित और विज्ञान के छात्रों की संख्या अधिक है।
यह मानते हुए कि उन्हें किसी चरण में एक वर्ष वापस नहीं रखा गया है, जर्मन बच्चे आमतौर पर नौवीं कक्षा के अंत तक 15 हैं।

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