First Order Derivatives

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1.प्रथम कोटि का अवकलज(FirstOrder Derivatives)-

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माना कि y=f(x)चर राशि x का कोई संतत फलन है,जहाँ x स्वतंत्र तथा y आश्रित चर राशियाँ है.चूँकि y का मान x के मान पर आश्रित है,अत:x के मान में जब कोई परिवर्तन करते हैं तो y के मान में भी परिवर्तन होगा.
जब किसी चर राशि के एक मान से दूसरे निकटतम मान में भी परिवर्तन होता है,तब इन दोनों मानों के अंतर को वृद्धि’(Increment) कहते हैं.उदाहरणार्थ चर राशि x के दोनों मान x+dx और x के अंतर को x में वृद्धि कहते हैं.इस वृद्धि को dx से व्यक्त करते हैं.
चूँकि काy  मान x के मान पर आश्रित है अत: यदि x के मान में कोई स्वेच्छ(Arbitrary) अल्प वृद्धि dx की जाय तो y के मान में संगत वृध्दि होगी ,तो भिन्न(dy/dx) की सीमा जब dx0अर्थात(dy/dx) (यदि विद्यमान हो )को y का x  के सापेक्ष अवकलज या अवकल गुणांक (Differential Co-efficient)कहते हैं.इसे(dy/dx) से व्यक्त करते है-अर्थात यदि-
.   y=f(x)
Then y+dy=f(x+dx)
Dy=f(x+dx)-f(x)
(dy/dx)= [f(x+dx)-f(x)]/dx

2.अवकलन(Differentiation)-

किसी किए हुए फलन f(x) का अवकल गुणांक ज्ञात करने की प्रक्रिया को अवकलन कहते हैं.यहाँ यह ध्यान रखने की बात है कि(dy/dx) एक भिन्न नहीं है बल्कि प्ररिवर्तन की सीमा को दर्शाने का संकेत है.
प्रश्न-निम्न फलन का के सापेक्ष अवकलन ज्ञात कीजिए-
Solution-log(secx+tanx)
. y=log(secx+tanx)
. (dy/dx)=(1/secx+tanx)x(secx tanx+sec2x)
.(dy/dx)=[secx tanx+sec2x]/secx+tanx
. (dy/dx)=secx(secx+tanx)/secx+tanx
.  (dy/dx)=secx

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