Tension during the exam,then remove the mind stress
December 14, 2019
By
satyam coaching centre
Examination Tips
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Tension during the exam, then remove the mind stress
1.एग्जाम के दौरान हो बहुत ज्यादा टेंशन, तो ऐसे दूर करें दिमाग का एस्ट्रेस(If there is a lot of tension during the exam, then remove the mind Stress)
Tension during the exam,then remove the mind stress |
परीक्षा के दौरान बहुत से विद्यार्थी तनावग्रस्त हो जाते हैं। बोर्ड परीक्षा तथा ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षाएं का सबसे मुश्किल भरा समय होता है। विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके माता-पिता भी चिंतित हो जाते हैं जबकि वे अच्छी तरह से जानते हैं कि परीक्षा से गुजरना हर किसी विद्यार्थी के लिए आवश्यक होता है। इन परीक्षाओं में हम कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिनके पालन करने पर आप तनाव से बच सकते हैं। परीक्षा में सबसे अधिक तनाव गणित और विज्ञान जैसे विषयों को लेकर होता है। सबसे मुख्य बात तो यह है कि तनावग्रस्त होने से न तो परीक्षा देने से बच सकते हैं, न परीक्षा की समस्याओं या कठिन विषयों का हल निकल सकता है बल्कि तनाव से जो कुछ याद होता है उसे भी भूल जाते हैं या जो कुछ भी हल निकाल सकते थे वो भी नहीं निकाल पाते हैं।
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2.पूर्ण सत्र में विषयों की तैयारी करें(2. Prepare topics in the full session) -
अक्सर अधिकतर विद्यार्थी परीक्षा के समय ही पुस्तकें उठाकर देखते हैं या पढ़ते हैं। परीक्षा के समय दिनरात उनके पास पुस्तकें रहती हैं। इधर-उधर टहलते हुए, खाते-पीते, सोते समय तथा किसी से बातचीत करते समय उनके पास पुस्तके रहती है। ऐसा उन विद्यार्थियों के साथ ही होता है जो पूरे वर्षभर गम्भीरता से गणित, विज्ञान इत्यादि विषयों को नहीं पढ़ते हैं। हम बार-बार गणित, विज्ञान विषयों का ही उल्लेख इसलिए करते हैं क्योंकि ज्यादातर इन विषयों को ही कठिन समझा या माना जाता है। हालांकि हमारा मानना है कि यदि आप सरल विषय को भी नहीं पढ़ेगें तो वो सरल विषय भी आपके लिए कठिन हो जाएगा। गणित, विज्ञान जैसे विषयों को नहीं पढ़ेगें तो ये विषय आपके लिए ओर ज्यादा कठिन हो जाएंगें।
इस आर्टिकल को इस समय लिखने का भी मकसद यही है कि अभी भी लगभग तीन महीने परीक्षा के बचे हैं। परीक्षा से इतने समय पहले आपको सावधान व सतर्क करना हमारा कर्त्तव्य है जिसे हम बखूबी निभा रहे हैं। यदि अब भी कोई विद्यार्थी लापरवाही कर रहा हो और यह सोच रहा हो कि परीक्षा के समय तैयारी कर लेंगे तो न तो वे ऐसा कर पाएंगे तथा निश्चित रूप से वे तनावग्रस्त हो जाएंगे यहाँ हम अतिप्रतिभाशाली विद्यार्थियों की बात नहीं कर रहे हैं। इसलिए पूरे सत्र में प्रारम्भ से ही तैयारी चालू कर देनी चाहिए यदि अभी तक भी तैयारी प्रारम्भ नहीं की हो तो तुरन्त चालू कर देनी चाहिए। अक्सर पत्र-पत्रिकाओं में परीक्षा के दिनों में या परीक्षा के कुछ दिन पूर्व आर्टिकल लिखने की परम्परा है परन्तु तब तक बहुत देर हो चुकी होती है उस समय हम हमारी आदतों में ज्यादा कुछ बदलाव नहीं कर सकते हैं। एक्जामिनेशन के समय में हमें किस तरह से तैयारी करनी चाहिए तथा एक्जामिनेशन सेसे पूर्व किस प्रकार से तैयारी करनी चाहिए उसके लिए हम आर्टिकल लिख चुके हैं। आपको उन आर्टिकल को भी पढ़ना चाहिए।
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3.अपनी हाॅबी को भी टाइम दें(Give your hobby time too)-
विद्यार्थियों की कुछ न कुछ हाॅबी होती है जैसे फिटनेस, खेल, मिमिक्री, पेटिंग,लेख लिखने, कविता,नाटक, नृत्य, संगीत, गाने, भजन इत्यादि में किसी न किसी कार्य में हाॅबी होती है। इसलिए पढ़ाई के बीच-बीच में अपनी हाॅबी को भी टाईम दें। इससे हमारा दिमाग रिफ्रेश हो जाता है।लगातार अध्ययन करते रहने से मानसिक थकान हो जाती है। विद्यार्थियों में , मानसिक थकान से चिड़चिड़ापन व तनावग्रस्त हो जाते हैं। हालांकि एक्जाम के समय पढ़ना बहुत जरुरी है परन्तु उससे भी ज्यादा जरूरी है अपने दिमाग को रिफ्रेश करना और दिमाग को रिफ्रेश करने के लिए बीच-बीच में अपनी हाॅबी पर भी ध्यान दें, समय दें।
4.अपने मित्रों से मिलें(Meet your friends)-
मित्रों से हम मिलते हैं तो अपनी परेशानी व समस्याओं को साझा करते हैं। यदि समस्याओं का हल मित्रों से मिल जाता है तो well and good परन्तु यदि समस्या का हल नहीं भी मिलता है तो भी हमारा दिमाग हल्का हो जाता है और उतने समय के लिए हम अपने टेंशन को भूल जाते हैं इसलिए पढ़ाई के बीच में जब भी ब्रेक दें तो अपने मित्रों से अवश्य मिलें। मिलते समय पढ़ाई के साथ-साथ अन्य बातों पर भी बातचीत करें। मित्रों से केवल पढ़ाई ही पढ़ाई की बात न करें।
5.योग व व्यायाम करें(Do yoga and exercise)-
योग व व्यायाम हमारे टेंशन को दूर करने में सबसे कारगर माध्यम है। रोजाना सुबह जल्दी उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के पश्चात ध्यान, योग और व्यायाम अवश्य करें। ध्यान व योग से हमारा दिमाग शांत रहता है और व्यायाम से शरीर में चुस्ती व फुर्ती रहती है। पूरा दिन एक्टिव होकर पढ़ाई कर सकते हैं, आलस्य नहीं आता है। इसलिए नियमित रूप से ध्यान व योग अवश्य किया करें। ध्यान व योग करने का सीधा-सादा तरीका यह है कि आँखें बंद करके सुखासन में बैठ जाएं और मन में किसी प्रकाशरूप ज्योति, दीपक, सूर्य पर ध्यान केन्द्रित करने की कोशिश करें। मन को कोई ओर विचार आए तो उनको कम्पनी न दें। ध्यान विचाररहित होने की प्रक्रिया है, दिमाग को शांत करने की औषधि है। हमारे दिमाग में नाना प्रकार के विचार आते रहते हैं जिनका हमारे से कोई सम्बन्ध नहीं है। ध्यान करने से आप फालतू के विचारों को आने से रोक सकते हैं। इस प्रकार ध्यान व योग तनाव को समाप्त करने का अचूक और सबसे बढ़िया तरीका है।
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6.पूर्ण विश्राम करें(Take a rest)-
Tension during the exam,then remove the mind stress |
अक्सर विद्यार्थी परीक्षा के दिनों में रात-रात भर जागकर अध्ययन करते हैं। यदि पूरे वर्षभर आपने गम्भीरतापूर्वक अध्ययन किया है तो आपको ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है। यदि पूरे वर्ष गम्भीरतापूर्वक तथा नियमित व निरन्तर अध्ययन नहीं भी किया है तो भी यदि आप शरीर को पूर्ण विश्राम नहीं देंगे तो तनावग्रस्त हो जाएंगें। आप जो भी पढ़ेगें, वह पढ़ा हुआ भी याद नहीं रहेगा तो फिर रात-रात भर जागने का क्या फायदा? दूसरा नुकसान यह है कि यदि नींद व विश्राम पूर्ण रूप से नहीं लेगें तो आपका स्वास्थ्य खराब हो जाएगा। इसलिए परीक्षा के समय व परीक्षा के दिनों में पूर्ण विश्राम लें।
7.मनोरंजन भी करें(Do entertainment)-
परीक्षा का यह अर्थ नहीं है कि हमेशा पढ़ाई ही करते रहें, हमेशा किताब हमारे हाथ में ही रहे। अपने दिमाग को शांत रखना तथा तनावरहित होने के लिए मनोरंजन करना भी जरुरी है। मनोरंजन के लिए आप भजन, गीत या संगीत के वीडियो सुन सकते हैं।
8.सहयोग लेने में संकोच न करें(Don't hesitate to cooperate)-
कई बार परीक्षा के दौरान हमारे टाॅपिक से सम्बन्धित कोई समस्या होती है तो उसको किसी को न तो बताते हैं और न ही किसी से सहयोग लेना चाहते हैं याद रखें यह दुनिया सहयोग, परोपकार तथा एक दूसरे की मदद करने पर ही टिकी हुई है। यह हो सकता है कि कोई कम सहयोग लेता है तथा कोई अधिक सहयोग लेता है। इसलिए सहयोग लेने में संकोच न करें।सहयोग नहीं लेंगे तो समस्या के कारण आप तनावग्रस्त हो जाएंगें।
9.अपनी अंतरंग बाते माता-पिता से न छुपाएं(Do not hide your intimate things from parents)-
दुनिया में यदि सबसे अधिक हित चाहने वाले हैं तो वो माता-पिता ही होते हैं। इसलिए कोई आपसे गलती हो गई हो या कोई समस्या हो तो अपने माता-पिता को अवश्य बताएं अन्यथा धीरे-धीरे आपमें घुटन व कुण्ठा पैदा हो जाएगी और वो तनाव का कारण बन जाएगी।
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